APJ Abdul Kalam Amrut Yojna

एपीजे अब्दुल कलाम अमृत योजना

महाराष्ट्र सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के गर्भवती और  स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम अमृत योजना को मंजूरी दी है। मुंबई में महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के बच्चे की वृद्धि अपने चरम पर हो तो गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार प्रदान करके आदिवासी बच्चों के कुपोषण पर अंकुश लगाना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को उसके बच्चे के बेहतर विकास के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह योजना महाराष्ट्र राज्य सरकार के आदिवासी विकास विभाग की एक पहल है। एपीजे अब्दुल कलाम अमृत योजना राज्यों के आदिवासी आबादी वाले १६ जिलों में लागू की जाएंगी। इस योजना को महिला और बाल कल्याण विभाग के तहत आने वाले आंगनवाड़ियों द्वारा लागू किया जाएंगा। यह योजना आदिवासी महिला को गर्भावस्था के तीसरे महीने से उसकी पसंद का मुफ्त और पौष्टिक गरम पका हुआ भोजन हर दिन प्रदान करती है, जिसे महिला के प्रसव के तीन महीने बाद तक जारी रखा जाएगा ताकि बच्चे स्वस्थ रहें। इस योजना के तहत लाभार्थी महिला को खाने में भाकर / रोटी, चावल, दाल, हरी सब्जियां (आयोडीन युक्त नमक में पकाया जाएंगा), गुड़, मूंगफली के लड्डू और उबले अंडे,केला, नचनी का हलवा और सोया दूध प्रदान किया जाएंगा।

एपीजे अब्दुल कलाम योजना का लाभ:

  • लाभार्थी महिला की भोजन निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।
  • लाभार्थी महिला को गरम और पका हुआ भोजन प्रदान करने की प्राथमिकता के ऊपर ध्यान रखा जाएंगा।
  • महिलाओं को गर्भावस्था के तीसरे महीने से प्रसव के बाद के तीन महीने की अवधि यानी छह महीने के अवधि तक भोजन प्रदान किया जाएगा।
  • महिला को भोजन में दाल, चावल, फल, सब्जियां और दूध की आपूर्ति के साथ उबले अंडे प्रदान किये जाएंगे।
  • इस योजना के माध्यम से पहले साल में १.९ लाख से अधिक महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाएंगा।
  • इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएंगा।

एपीजे अब्दुल कलाम योजना का उद्देश्य:

जब बच्चे की वृद्धि अपने चरम पर हो तो ६ महीने तक गर्भवती महिलाओं को पोषण प्रदान किया जाएंगा ताकि आदिवासी बच्चों के कुपोषण पर अंकुश लगाया जा सके।

 एपीजे अब्दुल कलाम योजना का कार्यान्वयन:

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आदिवासी महिलाएं और स्थानीय भोजन समितियां इस योजना को लागू करेंगी।
  • महिला और बाल कल्याण विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वजीफा देने के लिए १० करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
  • इस योजना का क्रियान्वयन जनजातीय आबादी वाले १६ जिलों में किया जाएगा।
  • १६ जिलों के प्रत्येक आदिवासी गांवों में चार सदस्यीय भोजन समिति का गठन किया जाएगा।
  • एक महिला पंचायत सदस्य समिति की प्रमुख होंगी और इस समिति में दो गर्भवती या स्तनपान कराने वाली माता और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी।
  • लाभार्थी महिलाओं को २२ रुपये का भोजन प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष ७५ करोड़ रुपये की लागत लगेंगी।
  • इस योजना के क्रियान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि शिशुओं को स्तनपान की अवधि के दौरान शिशुओं लाभ होगा, जो अंततः में राज्य के आदिवासी बच्चों के कुपोषण को रोकने में मदत करेगा।

एपीजे अब्दुल कलाम अमृत योजना के तहत भोजन परोसें:

  • लाभार्थियों की सुविधा के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्र में पौष्टिक भोजन परोसा जाएगा। इसमें कुछ अवसरों पर दाल, फल, सब्जियां, चावल और उबले अंडे और दूध प्रदान किया जाएंगा।

संदर्भ और विवरण:

Sahara India Scholarship Scheme for the Meritorious Student

Government Aashram Shala Scheme for Scheduled Tribe Students in Maharashtra