Muktidhara Scheme in West Bengal (In English)
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी और स्वयं सहायता समूहों के समग्र विकास के लिए पहल की है, और एक योजना सुरु की है जिसका नाम है मुक्तिधारा योजना। मुक्तिधारा परियोजना का मुख्य उद्देश्य आजीविका कमाने में स्थिरता लाने, गरीबी दूर करने और स्व-सहायता समूहों और स्व-रोजगार के माध्यम से वित्तीय सुधार लाने के लिए शुरू कि गयी है। इस योजना के तहत वित्तीय रूप से पिछड़े लोगों को सशक्त बनाना है, विशेष रूप से महिलाएं और परिवार की कमाई में वृद्धि करना जिससे कि उनका जीवन आसान हो।
पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना का लाभ:
- ईंधन की लकड़ी बेचने वाले और परंपरागत तरीके से खेती वालो को इस योजना का लाभ होगा
- सफल प्रशिक्षण के बाद स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कम ब्याज पर बैंक ऋण का लाभ मिलेगा
- अधिकांश प्रशिक्षण कृषि विकास के बारे में प्रदान किया जायेगा ताकि वे नई कृषि तकनीकों को अपनाये और समग्र आय में वृद्धि कर सकें
- ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने मे और स्वयं सहायता समूहों के समग्र विकास में मदद करता है
पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना की विशेषताएं:
- पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी और स्वयं सहायता समूहों के समग्र विकास के लिए पहल की है, और एक योजना सुरु की है जिसका नाम है मुक्तिधारा योजना
- इस परियोजना को पहली बार 7 मार्च 2013 को पुरुलिया जिले में शुरू किया गया था और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवेलपमेंट (नाबार्ड) के सहयोग से कार्यान्वित किया गया था।
- इस परियोजना को पायलट आधार पर, बलरामपुर और पुरुलिया जिले मे 139 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है
- इस योजना के तहत, सरकार स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को प्रशिक्षण प्रदान करती है जो पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना के तहत पंजीकृत हैं
- खेती के तरीकों, उर्वरकों के उपयोग, तकनीकी सहायता जैसे प्रशिक्षण, क्षेत्रीय प्रदर्शन, समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किया जाता है ।
संदर्भ और विवरण:
- पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए: https://wb.gov.in/portal/web/guest/muktidhara