कामकाजी महिला छात्रावास योजना
भारत देश के केंद्र सरकार (महिला और बाल विकास मंत्रालय) द्वारा कामकाजी महिला के लिए कामकाजी महिला छात्रावास योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती दरो में आवास प्रदान किया जाएंगा। भारत देश की अधिक से अधिक महिलाएं बड़े शहरों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण औद्योगिक समूहों में रोजगार की तलाश में अपना घर छोड़ कर रह रही है। ऐसी महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली मुख्य कठिनाइयों में से एक सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से स्थित आवास की कमी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से स्थित आवासों की उपलब्धता को बढ़ावा देना है, जहां कहीं भी संभव हो, शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर मौजूद है।
कामकाजी महिला छात्रावास योजना के लाभ:
- सभी कामकाजी महिलाओं को छात्रावास जाति, धर्म, वैवाहिक स्थिति आदि किसी भेदभाव के बिना प्रदान किया जाएंगा।
- कामकाजी महिला छात्रावास योजना,कामकाजी महिलाओं और एजेंसियों / संगठनों के लिए दो तरह से लाभ प्रदान करती है, जो छात्रावास स्थापित करना चाहते है क्योंकि एजेंसियां / संगठन को भवन निर्माण के लिए वित्तीय सहायता मिलेंगी।
- नौकरी का प्रशिक्षण लेनी वाली महिलाओं को छात्रावास में समायोजित किया जाएंगा।
- कामकाजी महिलाओं के बच्चों को भी छात्रावास में शामिल किया जाएंगा, लड़कियों के लिए १८ साल की आयु तक और लड़कों के लिए ५ साल की आयु तक की उम्र के बच्चों को उनकी माताओं के साथ ऐसे छात्रावास में समायोजित किया जाएंगा।
- एजेंसियां / संगठन कामकाजी महिलाओं को सहायता लागू करेगा और कामकाजी महिला को छात्रावास भवन के निर्माण की लागत का ७५% प्रदान किया जाएगा।
कामकाजी महिला छात्रावास योजना के लिए पात्रता:
- कामकाजी महिलाओं की आयु १८ साल से अधिक होनी चाहिए।
- कामकाजी महिला एकल, विधवा, तलाकशुदा, विवाहित, विवाहित महिला लेकिन जिनके पति और परिवार एक ही शहर / क्षेत्र में नहीं रहते है। समाज के वंचित वर्ग की महिलाओं को विशेष रूप से वरीयता प्रदान की जाएंगी। शारीरिक रूप से अक्षम लाभार्थियों के लिए सीटों के आरक्षण का भी प्रावधान है।
- कामकाजी महिलाओं का नौकरी का प्रशिक्षण अवधि एक साल से अधिक नहीं होना चाहिए।
- महिलाओं को छात्रावास की सुविधा का अधिकार होगा, लेकिन महानगरीय शहरों में महिला की मासिक सकल आय ५०,००० रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए या महिला की मासिक समेकित (सकल) आय ३५,००० रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- किसी भी कामकाजी महिला को तीन साल से अधिक छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जाएंगी।
कामकाजी महिला छात्रावास योजना की प्रवेश प्रक्रिया और आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- प्रवेश प्रक्रिया बदलती रहती है क्योंकि पूरे देश के छात्रवास उपलब्ध है, इसलिए कुछ राज्य प्रक्रियाओं और आवेदन के लिए कृपया इस लिंक पर जाएँ- http://www.wcd.nic.in/sites/default/files/wwhrulesdtd12082011.pdf
संदर्भ और विवरण: