Goa Chief Minister’s Apprenticeship Training Scheme, 2021

To empower youth thereby making them industry ready

गोवा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना, २०२१: युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना

गोवा सरकार ने मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के कार्यान्वयन की तिथि १८  जून, २०२१ घोषित करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, समीक्षा की और गोवा क्रांति दिवस पर योजना के कार्यान्वयन की तारीख तय की। इससे पहले गोवा राज्य मंत्रिमंडल ने १७ फरवरी, २०२१ को इस योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत प्रशिक्षु अधिनियम, १९६१ के तहत सभी प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त प्रशिक्षण के लिए कवर किया जाएगा। यह योजना राज्य भर के प्रशिक्षुओं के लिए फायदेमंद होगी। यह योजना युवाओं को सशक्त बनाती है और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करती है। इसे गोवा मानव संसाधन विकास निगम (जीएचआरडीसी) द्वारा लागू किया जाएगा। वर्तमान में योजना १ वर्ष के लिए योजना बनाई गई है जिसमें परिणामों के आधार पर विस्तार की गुंजाइश है।

योजना अवलोकन:

योजना का नाम: गोवा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना, २०२१
योजना के तहत: गोवा सरकार
पर स्वीकृत: १७ फरवरी, २०२१
कार्यान्वयन की घोषणा: १८ जून, २०२१
लाभार्थी: राज्य के प्रशिक्षु
लाभ: प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण और सहायता
उद्देश्य: युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना

उद्देश्य और लाभ:

  • योजना का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षु उद्योग को तैयार करना है।
  • यह राज्य भर के प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त प्रशिक्षण प्रदान करता है।
  • यह योजना प्रशिक्षुओं की सभी श्रेणियों को कवर करेगी।
  • इसका उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए योग्य बनाना है।
  • यह योजना राज्य भर में कुशल और अकुशल युवाओं को आकार देगी।
  • यह लंबे समय में राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देगा।

योजना विवरण:

  • गोवा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना, २०२१ गोवा सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली है।
  • मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय निगरानी और सलाहकार बैठक की अध्यक्षता की, समीक्षा की और गोवा क्रांति दिवस पर योजना के कार्यान्वयन की तारीख १८ जून, २०२१ तय की।
  • यह योजना राज्य के सभी प्रशिक्षुओं पर लागू होगी।
  • यह योजना गोवा मानव संसाधन विकास निगम (जीएचआरडीसी) द्वारा लागू की जाएगी।
  • यह योजना १ साल के लिए लागू रहेगी।
  • इस योजना के तहत सभी कुशल और अकुशल प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान किया जाएगा।
  • यह अप्रेंटिस उद्योग/बाजार को तैयार करता है जिससे रोजगार की संभावना बढ़ जाती है।
  • इससे कौशल विकास होगा और प्रशिक्षुओं के समग्र व्यक्तित्व में सुधार होगा।
  • इसका उद्देश्य राज्य में युवाओं को सशक्त बनाना है जिससे राज्य के समग्र आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सके।
  • राज्य में १५ वर्ष के निवास वाले प्रशिक्षुओं को भारत सरकार द्वारा किसी अन्य शिक्षु योजना के तहत देय वजीफा के अलावा १५०० रुपये प्रति माह का वजीफा प्रदान किया जाएगा।
  • सरकारी और गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों के प्रशिक्षुओं की विभागवार आवश्यकता का विश्लेषण किया जा रहा है और तदनुसार इसकी घोषणा की जाएगी।
  • पंजीकरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
  • जीएचआरडीसी इस योजना के तहत कई कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है।
  • वर्तमान में लगभग ३० कंपनियां समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हुई हैं।
  • योजना के क्रियान्वयन के लिए ५ करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
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