शरद पवार ग्राम समृद्धि योजना: रोजगार के अवसर पैदा करना और इस तरह गांवों का एकीकृत विकास हासिल करना
महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर २०२० में ‘शरद पवार ग्राम समृद्धि योजना’ नाम से नई पहल शुरू की। इस योजना का नाम राकांपा प्रमुख श्री शरद पवार के नाम पर रखा गया था, उनके ८० वें जन्मदिन को भी मनाने के लिए। यह योजना मनरेगा-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के समान ही चलती है। इसका उद्देश्य गांवों का विकास करना है, जिससे वर्ष २०२२ तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए। यह अधिक ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा करता है। इस योजना से राज्य के गांवों का समग्र विकास होगा।
योजना अवलोकन:
योजना का नाम: | शरद पवार ग्राम समृद्धि योजना |
योजना के तहत: | महाराष्ट्र सरकार |
आरंभ तिथि: | दिसंबर, २०२० |
के लिए लागू: | राज्य भर के गांव |
प्रमुख उद्देश्य: | रोजगार के अवसर पैदा करना और इस तरह गांवों का एकीकृत विकास हासिल करना। |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों/गांवों का विकास करना है।
- इस योजना के तहत गौशाला, बकरी पालन शेड, पोल्ट्री शेड का निर्माण किया जाएगा।
- यह जैविक खाद के उपयोग के साथ जैविक कृषि पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।
- गांवों के लिए स्थायी संपत्ति सृजित की जाएगी।
- इस प्रकार, यह योजना रोजगार की तलाश में गांवों से पलायन को रोकने में भी सक्षम होगी।
- यह लंबे समय में राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
प्रमुख बिंदु:
- महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर २०२० में एनसीपी प्रमुख श्री शरद पवार के नाम पर एक ग्रामीण समृद्धि योजना – शरद पवार ग्राम समृद्धि योजना शुरू की।
- यह राकांपा प्रमुख श्री शरद पवार के ८० वें जन्मदिन की स्मृति में भी था।
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में ग्रामीण विकास प्राप्त करना है।
- इस योजना के तहत गायों, बकरियों आदि के लिए शेड का निर्माण किया जाएगा।
- योजना के तहत वृक्षारोपण, जैविक खेती, जैविक खाद का उपयोग, बागवानी भी किया जाएगा।
- इससे गांवों में ढांचागत विकास होगा।
- इसका उद्देश्य गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- इसका उद्देश्य गांवों में कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करना है।
- इस योजना से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
- प्रवासन दर में कमी आएगी क्योंकि लोग रोजगार के उद्देश्य से पलायन करना बंद कर देंगे।
- इसका लक्ष्य २०२२ तक गांवों में किसानों की आय को दोगुना करना है
- इस प्रकार इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास होगा।