भारत वह देशों में गिना जाता है जिनमें लड़कियों के भ्रूणहत्या मामलों की सबसे अधिक संख्या है, जो अंततः एक कम होती लिंग अनुपात के बादन ले जाती है। इस कम होते अनुपात का प्रमुख कारण क्षेत्रों के समाज के नकारात्मक विचारधारा है। इस मुद्दे को हल करने के लिए, सरकार ने लड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की, जो एक लड़की के जन्म, शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में सकारात्मक सोच को फैलाने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना क्या है
लाड़ली लक्ष्मी योजना को 2007 में मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य समाज के नकारात्मक दृष्टिकोण को एक लड़की के जन्म की ओर ले जाने में परिवर्तन लाना है। इसके अलावा, मुख्य पहल का उद्देश्य यह था कि लड़की के बच्चों की लिंगानुपातिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो। इस योजना की समग्र सफलता के बाद, अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया और लड़की के समृद्धि के लिए इसे कार्यान्वित किया।
लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत कब हुई
लाड़ली लक्ष्मी योजना का आरंभ अप्रैल 2007 में तत्पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था। वर्तमान में यह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड में संचालित है। यह योजना गैर-कर देने वाले परिवारों और छोटी या अनाथ लड़कियों में जन्मित लड़कियों को लाभ पहुंचाती है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के उद्देश्य
लाड़ली लक्ष्मी योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं:
- मध्य प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में लिंगानुपातिक सूचकांक में सुधार करना
- सामान्य जनता में लड़की के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ाना
- समाज में लड़कियों की स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति में सुधार करना
- जनसंख# लड़ली लक्ष्मी योजना: पात्रता, विशेषताएं, लाभ और आवेदन प्रक्रिया
लाड़ली लक्ष्मी योजना के उद्देश्य
लाड़ली लक्ष्मी योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं:
- मध्य प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में लिंगानुपातिक सूचकांक में सुधार करना
- सामान्य जनता में लड़की के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ाना
- समाज में लड़कियों की स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति में सुधार करना
- जनसंख्या वृद्धि दर को कम करना
- परिवार योजना को बढ़ावा देना, विशेष रूप से दो लड़कियों के जन्म के बाद एक लड़के की इच्छा को निराश करना
- लड़की के भविष्य के लिए एक अच्छी नींव प्रदान करना
- मातृहत्या/भ्रूणहत्या रोकना
- लड़की के विकास के लिए एक सकारात्मक और सहायक वातावरण सृजन करना
- बाल विवाह को नकारना और कानूनी रूप से स्वीकार्य आयु में विवाह को प्रोत्साहित करना
लाड़ली लक्ष्मी योजना की विशेषताएं
यह योजना लड़कियों की सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रारंभ करती है। लाड़ली लक्ष्मी योजना की विशेषताएं
योजना में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
- इस योजना के तहत पंजीकृत सभी लड़कियों को शिक्षा से जुड़े खर्चों का लाभ मिलेगा ताकि उनके परिवार स्कूल भेज सकें। हालांकि, जो लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं, उन्हें इस योजना के लाभ नहीं मिलेंगे।
- योजना के तहत आवेदक के परिवार को शादी के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- 18 वर्ष से पहले शादी करने वाली लड़कियों को लड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत लाभ नहीं मिलेगा।
- लड़ली लक्ष्मी योजना/स्कीम के लाभ
- लड़ली लक्ष्मी योजना ने भारत में एक लड़की के भविष्य के लिए मजबूत नींव रखने का एक नजरिया दिया है। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समाज के दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत, एक आश्वासन प्रमाणपत्र जारी किया जाता है जिसमें लड़की के नाम पर 1,18,000 रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि उस लड़की को मिलती है जब वह निम्नलिखित वर्गों में पढ़ाई करती है:
- कक्षा VI: 2,000 रुपये
- कक्षा IX: 4,000 रुपये
- कक्षा XI: 6,000 रुपये
- कक्षा XII: 6,000 रुपये
यदि लड़की 18 वर्ष से पहले शादी नहीं करती है, तो उसे 21 वर्ष की उम्र पर 1 लाख रुपये की राशि मिलेगी। इसके अलावा, लड़की को कक्षा ग्यारह से बारह तक के पढ़ाई के लिए हर महीने 200 रुपये मिलेंगे, जो 4,000 रुपये के अतिरिक्त के रूप में जारी किए जाएंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए पात्रता
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंड होने चाहिए:
- लड़की का जन्म 1 जनवरी, 2006 के बाद हुआ होना चाहिए।
- लड़की को स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत किया जाना चाहिए।
- लड़की के माता-पिता उन राज्यों के निवासी होने चाहिए जहां पंजीकरण किया गया हो।
- लड़की के मात# लड़ली लक्ष्मी योजना: पात्रता, विशेषताएं, लाभ और आवेदन प्रक्रिया
यह योजना लड़कियों की सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रारंभ करती है। कुछ लड़ली लक्ष्मी योजना की विशेषताएं
योजना में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
- इस योजना के तहत पंजीकृत सभी लड़कियों को शिक्षा से जुड़े खर्चों का लाभ मिलेगा ताकि उनके परिवार स्कूल भेज सकें। हालांकि, जो लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं, उन्हें इस योजना के लाभ नहीं मिलेंगे।
- योजना के तहत आवेदक के परिवार को शादी के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- 18 वर्ष से पहले शादी करने वाली लड़कियों को लड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत लाभ नहीं मिलेगा।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ
लाड़ली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य भारत में एक लड़की के भविष्य के लिए मजबूत नींव रखना है। इसके तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- योजना के अंतर्गत पंजीकृत लड़की के नाम पर 1,18,000 रुपये का आश्वासन प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
- इस राशि को उस लड़की को प्राप्त किया जाता है जब वह निम्नलिखित वर्गों में पढ़ाई करती है:
- कक्षा VI: 2,000 रुपये
- कक्षा IX: 4,000 रुपये
- कक्षा XI: 6,000 रुपये
- कक्षा XII: 6,000 रुपये
- यदि लड़की 18 वर्ष से पहले शादी नहीं करती है, तो उसे 21 वर्ष की उम्र पर 1 लाख रुपये की एक लंप सम राशि मिलेगी।
- साथ ही, लड़की को कक्षा ग्यारह से बारह तक के पढ़ाई के लिए हर महीने 200 रुपये मिलेंगे, जो 4,000 रुपये की अतिरिक्त राशि के रूप में जारी किए जाएंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना मापदंड
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंड होने चाहिए:
- लड़की का जन्म 1 जनवरी, 2006 के बाद होना चाहिए।
- लड़की को स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत किया जाना चाहिए।
- लड़की के माता-पिता उन राज्यों के निवासी होने चाहिए जहां पंजीकरण किया गया हो।
- लड़की के माता-पिता को सरकार को कोई भी कर नहीं देना चाहिए।
- लड़की के जन्म के एक साल के भीतर ही# लड़ली लक्ष्मी योजना: पात्रता, विशेषताएं, लाभ और आवेदन प्रक्रिया
लाड़ली लक्ष्मी योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2007 में शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के जन्म पर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है और उनके भविष्य की देखभाल में मदद करना है। यह योजना मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी संचालित हो रही है। चलिए इस योजना की पात्रता, विशेषताएं, लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।
लाड़ली लक्ष्मी योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- योजना के तहत पंजीकृत लड़कियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे उनके परिवारों को स्कूल भेजने के लिए आर्थिक सहायता मिलती है। हालांकि, इस योजना के लाभ केवल उन लड़कियों को मिलते हैं जो स्कूल को छोड़ देती हैं नहीं।
- योजना के तहत लड़की के परिवार को उसकी शादी के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना में शामिल होने वाली लड़कियों को यदि वह 18 वर्ष से पहले शादी नहीं करती हैं, तो वह 21 वर्ष की उम्र पर 1 लाख रुपये की राशि प्राप्त करती हैं।
- इसके साथ ही, लड़की को कक्षा ग्यारह से बारह तक की पढ़ाई के दौरान हर महीने 200 रुपये दिए जाते हैं, जो 4,000 रुपये की राशि के ऊपरी हिस्से के रूप में जारी किए जाते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ प्राप्त करनयोजना के लिए आप ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। आप इस योजना के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- mp.gov.in / ladlilaxmi.mp.gov.in पर जाएं और “आवेदन करें” बटन पर क्लिक करें।
- स्वयं घोषणा पर टिक मार्क करें और “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें।
- फ़ॉर्म को ध्यान से पढ़ें और भरें। आवेदन करने के लिए “सहेजें” पर क्लिक करें।
- आवेदन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की कॉपी अपलोड करें और आगे चयन प्रक्रिया के लिए फ़ॉर्म को सबमिट करने के लिए “प्रस्तुत करें” पर क्लिक करें।
- ध्यान दें कि आवेदन को एंगनवाड़ी कर्मी, परियोजना कार्यालय / जनसेवा केंद्र या किसी इंटरनेट साइबर कैफे के माध्यम से भी जमा किया जा सकता है। इसके अलावा, सभी दस्तावेज़ों को प्रोजेक्ट कार्यालय द्वारा प्रमाणित करवाना आवश्यक है।
ऑफ़लाइन आवेदन प्रक्रिया
यदि आप लड़ली लक्ष्मी योजना के लिए ऑफ़लाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको अपने पासबुक के साथ आवेदन पत्र को भरकर लोक सेवा केंद्र के पंजीकरण केंद्र पर जमा करना होगा। लड़ली लक्ष्मी योजना फ़ॉर्म आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत या नगर निगमों से प्राप्त किया जा सकता है।
आवेदन जमा करने के बाद, आपका आवेदन प्रक्रिया के लिए भेजा जाता है और एक बार मंजूरी मिलने के बाद, वित्तीय लाभ सीधे आपके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रारंभ होने के बाद समाज में लड़की के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच की एक लहर आई है। लड़की की शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सहायता के साथ, परिवार में लड़कियों को एक बोझ के रूप में नहीं देखा जाता है और उनके सामाजिक स्थान में प्रतिबद्धता भी बदल रही है।