खाद्य साथी योजना, पश्चिम बंगाल: योजना का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को रियायती दरों पर चावल और गेहूं जैसे बुनियादी खाद्यान्न उपलब्ध कराना है
पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरे राज्य के लिए २६ जनवरी २०१६ को खाद्य साथी योजना शुरू की थी। यह योजना राज्य भर में खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में शुरू की गई है। योजना के तहत लाभार्थियों को चावल और गेहूं रुपये की दर से प्रदान किया जाएगा। २ प्रति किग्रा. यह राज्य की लगभग ९०% आबादी को कवर करता है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में राशन कार्ड धारकों को भोजन वितरण का एक व्यवस्थित खाद्य तंत्र बनाना है। राज्य में लगभग १० करोड़ लोग इस योजना के अंतर्गत आते हैं। कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान योजना के तहत लाभार्थियों को जून २०२० से मुफ्त राशन प्रदान किया गया। यह मुफ्त राशन जून २०२१ तक घोषित किया गया है।
योजना अवलोकन:
योजना का नाम: | खाद्य साथी योजना |
योजना के तहत: | पश्चिम बंगाल सरकार |
द्वारा लॉन्च किया गया: | मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
आरंभ तिथि: | २६ जनवरी २०१६ |
लाभार्थी: | राज्य भर के राशन कार्ड धारक |
लाभ: | रियायती दरों पर गेहूं और चावल जैसे खाद्यान्न |
प्रमुख उद्देश्य: | राज्य के प्रत्येक नागरिक को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना |
संबंधित विभाग: | खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, पश्चिम बंगाल |
वेबसाइट: | wbpds.wb.gov.in |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को रियायती दरों पर चावल और गेहूं जैसे बुनियादी खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
- लगभग ९०% आबादी को रियायती दर पर अनाज मिलता है। योजनान्तर्गत २ प्रति किलो एवं ५० लाख से अधिक हितग्राहियों को आधा बाजार मूल्य पर राशन मिलता है।
- यह राज्य में सभी के लिए भोजन सुनिश्चित करता है।
- इसका उद्देश्य एक डिजिटल खाद्य वितरण तंत्र बनाना भी है।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों को उनकी वित्तीय स्थिति की परवाह किए। बिना खाद्यान्न मिलेगा जो उनकी भूख के मुद्दों को हल करेगा।
- नए राशन कार्ड के लिए आवेदन करने या राशन कार्ड से किसी सदस्य को जोड़ने/हटाने के लिए आसान आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध है।
- इस योजना का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है जिससे राज्य भर में भूख के मुद्दों को हल किया जा सके।
पात्रता:
- आवेदक और उसके परिवार के सदस्य भारत के नागरिक होने चाहिए।
- आवेदक और उसका परिवार अनिवार्य रूप से पश्चिम बंगाल राज्य का निवासी होना चाहिए।
- जिन आवेदकों का राशन कार्ड समाप्त हो गया है, वे फिर से उसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु:
- खाद्य साथी योजना २६ जनवरी २०१६ को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शुरू की गई है।
- यह योजना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य लाभार्थियों को रियायती दरों पर चावल और गेहूं जैसे बुनियादी खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
- लगभग ९०% आबादी को रियायती दर पर अनाज मिलता है। योजनान्तर्गत २ प्रति किलो एवं ५० लाख से अधिक हितग्राहियों को आधा बाजार मूल्य पर राशन मिलता है।
- नए राशन कार्ड के लिए आवेदन करने या राशन कार्ड से किसी सदस्य को जोड़ने/हटाने के लिए आसान आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध है।
- इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं।
- राज्य में राशन कार्ड के लिए प्रसंस्करण समय १५ दिन है।
- आवेदक आधिकारिक पोर्टल @wbpds.wb.gov.in पर जा सकते हैं और डिजिटल/ई-राशन कार्ड डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।
- यह योजना गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को खाद्यान्न प्राप्त करने में मदद करती है जिससे उनकी भूख की समस्या का समाधान होता है।
- इसका उद्देश्य राज्य में सभी के लिए भोजन है।
- राज्य में लगभग १० करोड़ लोग इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
- कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान योजना के तहत लाभार्थियों को जून २०२० से मुफ्त राशन प्रदान किया गया। यह मुफ्त राशन जून २०२१ तक घोषित किया गया है।