कृषि उड़ान २.०: कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो और उनका कल्याण सुनिश्चित हो।
२७ अक्टूबर, २०२१ को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कृषि उपज के हवाई परिवहन को अनुकूलित करने के लिए कृषि उड़ान २.० योजना शुरू की। इस योजना की शुरुआत नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार पार्किंग शुल्क, आरएनएफसी, टीएनएलसी और अन्य शुल्क जैसे विभिन्न शुल्क माफ करेगी। इस योजना के तहत बिक्री कर में कमी, कार्गो से संबंधित बुनियादी ढांचा भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना भारत में पूर्वोत्तर, जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्रों के कृषि उत्पादों पर केंद्रित है। इस योजना के तहत कृषि उत्पाद को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए हवाई परिवहन द्वारा अनुकूलित और प्रोत्साहित किया जाएगा। यह देश में स्थानीय किसानों को लाभान्वित करता है जिससे उनकी आय दोगुनी हो जाती है।
योजना अवलोकन:
योजना | कृषि उड़ान २.० |
योजना के तहत | केंद्र सरकार |
द्वारा लॉन्च किया गया | नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया |
लॉन्च की तारीख | २७ अक्टूबर, २०२१ |
लाभार्थि | किसान, एयरलाइंस माल ढुलाई कर्मचारी, परिवहन कर्मचारी |
उद्देश्य | कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो और उनका कल्याण सुनिश्चित हो। |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर के किसानों का कल्याण है।
- इस योजना के तहत, भारत में पूर्वोत्तर, जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्रों के कृषि उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाएगा।
- राज्य सरकार पार्किंग शुल्क, आरएनएफसी, टीएनएलसी और अन्य शुल्क जैसे विभिन्न शुल्क माफ करेगी।
- इस योजना के तहत बिक्री कर में कमी, कार्गो से संबंधित बुनियादी ढांचा भी प्रदान किया जाएगा।
- यह योजना किसानों, एयरलाइंस माल ढुलाई श्रमिकों, परिवहन श्रमिकों और अन्य हितधारकों को लाभान्वित करती है।
- यह समग्र कृषि उत्पादकता को बढ़ाता है जिससे किसानों की आय दोगुनी हो जाती है।
- इसका उद्देश्य देश में किसानों का कल्याण और लाभ करना है।
योजना विवरण:
- नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई परिवहन द्वारा वायु उत्पाद के अनुकूलन के लिए एक नई योजना कृषि उड़ान २.० शुरू की।
- इस योजना के तहत उड्डयन मंत्रालय का उद्देश्य भारत में पूर्वोत्तर, जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्रों से स्थानीय कृषि उपज को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाने के लिए एयरलाइनों का उपयोग करना है।
- यह योजना उत्तर, पश्चिमी तट और दक्षिण क्षेत्रों को भी कवर करती है।
- यह योजना चरणों में काम करेगी जिसमें ५३ हवाई अड्डों पर कृषि उपज के परिवहन के लिए कार्गो टर्मिनल शुरू किए जाएंगे।
- २०२१-२२ में अगरतला, श्रीनगर, डिब्रूगढ़, दीमापुर, हुबली, इम्फाल, जोरहाट, लखनऊ, सिलचर, तेजपुर, तिरुपति और तूतीकोरिन में हवाई अड्डे स्थापित करने की योजना है।
- २०२२-२३ में अहमदाबाद, भावनगर, झारसुगुडा, कोझीकोड, मैसूर, पुडुचेरी, राजकोट और विजयवाड़ा में प्रतिष्ठान होंगे।
- यह योजना कृषि से उड्डयन मॉडल पर काम करेगी।
- इस योजना के तहत सरकार एएआई के चुनिंदा हवाई अड्डों पर पार्किंग शुल्क,आरएनएफसी, टीएनएलसी जैसे विभिन्न शुल्क माफ करेगी।
- योजना के तहत बिक्री कर में कमी, कार्गो से संबंधित बुनियादी ढांचा भी प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना से किसानों, एयरलाइंस माल ढुलाई श्रमिकों, परिवहन श्रमिकों को लाभ होता है।
- योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य कचरे को कम करना, कृषि उपज में वृद्धि करना और इसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना है।
- यह महत्वाकांक्षी योजना मुख्य रूप से राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
- यह देश में कृषि को लाभदायक और टिकाऊ बनाने का प्रयास करता है।
- इस योजना के तहत आवश्यक जानकारी ऑनलाइन प्रदान करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई-कुशाल (स्थायी समग्र कृषि-लॉजिस्टिक्स के लिए कृषि उड़ान) भी विकसित किया जाएगा।