राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – पाम ऑयल (एनएमईओ-ओपी) योजना: खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाना जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम हो।
९ अगस्त, २०२१ को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) योजना की वस्तुतः घोषणा की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह खाद्य तेल के आयात पर अंकुश लगाता है और किसानों को उसी लाभ को हस्तांतरित करता है। इस योजना के तहत किसानों को ताड़ के तेल और अन्य बीजों के उत्पादन के लिए आवश्यक सुविधाएं, बीज, तकनीक आदि प्रदान की जाएगी। इससे तेल आयात पर देश की निर्भरता कम होगी। भारत को खाद्य तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के लिए कुल परिव्यय ११,००० करोड़ रुपये है।
योजना अवलोकन:
योजना का नाम | राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) योजना |
योजना के तहत | केन्द्र सरकार |
लॉन्च की तारीख | ९ अगस्त, २०२१ |
द्वारा लॉन्च किया गया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रमुख उद्देश्य | घरेलू खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाना जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम हो। |
बजट आवंटित | रु. ११,००० करोड़ |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ाना है।
- इसका उद्देश्य तेल आयात पर निर्भरता को कम करना है।
- यह योजना रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्षम होगी।
- इस योजना के तहत किसानों को खाद्य/ताड़ के तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक सुविधाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज, प्रौद्योगिकी आदि प्रदान की जाएगी।
- किसान अपनी उपज को बाजार में ला सकेंगे और प्रत्यक्ष लाभ अर्जित कर सकेंगे।
- यह योजना बढ़ी हुई उत्पादकता और नवाचार को भी सक्षम करेगी।
योजना का विवरण:
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) योजना ९ अगस्त, २०२१ को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई है।
- यह योजना मुख्य रूप से देश में खाना पकाने/खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू की गई है।
यह देश में तेल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाता है। - लॉन्च के दौरान पीएम ने कहा कि भारत अब चावल, गेहूं और चीनी के उत्पादन में आत्मनिर्भर है लेकिन देश में अभी भी पर्याप्त मात्रा में खाद्य तेल का उत्पादन नहीं होता है।
- पाम तेल का उत्पादन देश में पाम तेल की मांग के अनुरूप नहीं है।
- इस प्रकार, भारत को अन्य देशों से ताड़ के तेल का आयात करना पड़ता है और इस तरह के आयात में धन का एक बड़ा हिस्सा चला जाता है।
- इसलिए, अब सरकार ने देश में घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा देने का फैसला किया है ताकि बढ़ी हुई मांग का मिलान किया जा सके और साथ ही किसानों को सीधे लाभ मिले।
- इस योजना के तहत किसानों को आवश्यक सुविधाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज, प्रौद्योगिकी आदि प्रदान की जाएगी।
- यह खेती में मदद करेगा और इस तरह खाद्य/ताड़ के तेल के उत्पादन में वृद्धि करेगा।
- बाजार में सौदा करेंगे और इससे अधिक राजस्व अर्जित करने में सक्षम होंगे।
- यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ाता है।
- इस योजना का उद्देश्य खाद्य तेल आयात पर देश की निर्भरता को कम करना है।
- इस योजना के लिए आवंटित कुल बजट ११,००० करोड़ रुपये है।
- यह आत्मानिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।