पशु कल्याण के लिए नई योजनाएं: राज्य में आवारा पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना
ओडिशा राज्य सरकार पशु कल्याण के लिए नई योजना लेकर आई है जिसके तहत नई गोशालाएं / पशु आश्रय स्थापित किए जाएंगे और राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की मदद से पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। ये योजनाएं राज्य में आवारा पशुओं के कल्याण को सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। इन योजनाओं का क्रियान्वयन मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग तथा राज्य पशु कल्याण बोर्ड के माध्यम से किया जायेगा। समाज। नई गोशालाओं/पशु आश्रयों की स्थापना के लिए पशु आश्रय क्षमता के आधार पर राज्य सरकार रुपये १६ लाख से ५२ लाख तक के बीच एकमुश्त पूंजी अनुदान प्रदान करेगी। पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, राज्य सरकार अधिकतम रुपये ५० लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
अवलोकन:
योजनाएं | पशु कल्याण के लिए नई योजनाएं |
योजनाओं के तहत | ओडिशा सरकार |
इनके द्वारा पेश किया गया | मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री अरुण कुमार |
कार्यान्वयन द्वारा | मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास विभाग एवं राज्य पशु कल्याण बोर्ड |
लाभार्थि | राज्य में आवारा जानवर |
प्रमुख उद्देश्य | राज्य में आवारा पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना |
उद्देश्य और लाभ:
- इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य में आवारा पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना है।
- इन योजनाओं के तहत सभी भूखे, परित्यक्त या परित्यक्त मवेशियों और अन्य जानवरों को कवर किया जाएगा।
- इस योजना के तहत, नई गोशालाओं / पशु आश्रयों की स्थापना के लिए राज्य सरकार पशु आश्रय क्षमता के आधार पर रुपये १६ लाख से ५२ लाख तक के बीच एकमुश्त पूंजी अनुदान प्रदान करेगी।
- पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, राज्य सरकार योजना के तहत अधिकतम रुपये ५० लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- यह आवारा पशुओं की उचित देखभाल सुनिश्चित करेगा जिससे उनका कल्याण सुनिश्चित होगा।
प्रमुख बिंदु:
- ओडिशा सरकार राज्य में पशु कल्याण के लिए नई योजनाएं लेकर आई है।
- राज्य में सभी आवारा पशुओं के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं।
- मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री अरुण कुमार साहू ने योजना का विवरण प्रदान किया।
- मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास विभाग इन योजनाओं का क्रियान्वयन प्राधिकारी होगा।
- विभाग द्वारा शहरी स्थानीय निकाय, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति (एसपीसीए), राज्य पशु कल्याण बोर्ड और पशु कल्याण में शामिल गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर किया जाएगा।
- यह योजना जिला सोसाइटी के माध्यम से नगर निगमों, नगर पालिकाओं और एनएसी और राज्य पशु कल्याण बोर्ड में रहने वाले शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे राज्य में लागू की जाएगी।
- इस पहल के तहत राज्य सरकार राज्य में नई गोशालाओं / पशु आश्रयों की स्थापना और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- नई गोशालाओं की स्थापना के लिए, पशु कल्याण में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं को राज्य सरकार द्वारा पशु आश्रय क्षमता के आधार पर १६ लाख से ५२ लाख रुपये के बीच एकमुश्त पूंजी अनुदान राशि प्रदान करेगी।
- इच्छुक संस्थान इसके लिए प्रत्येक जिले के मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी (सीडीवीओ) को प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।
- पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए अधिकतम ५० लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी राज्य सरकार प्रदान करेगी।
- इन योजनाओं के कार्यान्वयन के साथ राज्य सरकार राज्य में आवारा, बेसहारा, परित्यक्त, बीमार पशुओं की उचित देखभाल सुनिश्चित करेगी।