डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी): मोबाइल वॉलेट से संबंधित एक शिकायत निवारण प्रणाली
देश के भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) शुरू की है। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सीधे डिजिटल लेनदेन और भुगतान के बारे में शिकायतें और शिकायतों की रिपोर्ट करने के लिए एक मंच है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) देश की एक बैंकिंग नियामक है और पहले से ही ग्राहकों के लिए बैंकिंग शिकायत / शिकायत निवारण मंच है। डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) ढांचे के तहत मोबाइल वॉलेट से ग्राहकों को उनके मुद्दों की रिपोर्ट करने में मदत होंगी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मदत से ग्राहकों के मुद्दों का हल निकालने में मदत मिलेगी।
डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) पहली बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा दिसंबर २०१८ में घोषित की गई थी। घोषणा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने उल्लेख किया है कि वे डिजिटल भुगतान के लिए एक अलग लोकपाल सुरु करेंगे।
देश में डिजिटल भुगतान और लेनदेन बहुत लोकप्रिय है। लोग अब डिजिटल भुगतान का अधिक उपयोग कर रहे है। देश के सभी लोग जो ज्यादातर नकद लेन-देन करते थे, वह लोग अब लेनदेन का भुगतान ज्यादा से ज्यादा डिजिटल प्रणाली के माध्यम से कर रहे है। कई बैंकों और कंपनियों ने डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए अपने मोबाइल वॉलेट सुरु किये गए है। डिजिटल भुगतान के बढ़ते महत्व को देखते हुए एक स्वतंत्र शिकायत निवारण प्रणाली की आवश्यकता है और इसलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) को सुरु किया है।
Ombudsman Scheme For Digital Transactions (OSDT) (In English)
- योजना: डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी)
- योजना शुरू किसने की: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआय)
- ओएसडीटी क्या है? डिजिटल भुगतान के लिए आरबीआय द्वारा शिकायत निवारण प्रणाली (गैर बैंकिंग युपीआय आधारित भुगतान) है।
- प्रारंभ तिथि: जनवरी २०१९
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआय) के बैंकिंग लोकपाल के २१ मौजूदा कार्यालयों का उपयोग डिजिटल लेनदेन लोकपाल के लिए किया जाएगा। यह नि:शुल्क और शीघ्र शिकायत निवारण तंत्र पर आधारित होंगा। यह डिजिटल भुगतान के बारे में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाएगा।