बाल श्रम रोकने की योजना: राज्य में बाल श्रम को रोकने के लिए जिससे राज्य में बच्चों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित हो सके।
केरल सरकार राज्य में बाल श्रम को रोकने के लिए एक नई योजना लेकर आई है। केरल महिला एवं बाल कल्याण विभाग मंत्री वीना जॉर्ज ने १४ दिसंबर, २०२१ को इस योजना की घोषणा की। यह एक प्रोत्साहन योजना है जिसके तहत बाल श्रम पर विभाग को जानकारी देने वालों को राज्य सरकार २५००/- रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। यह योजना सरकार द्वारा कोविड-१९ महामारी के प्रकोप के बाद कई स्थानों पर बाल श्रम के मामलों के दायरे में लाने की योजना है। बाल श्रम देश में एक आपराधिक अपराध है और बहुत लंबे समय से प्रतिबंधित है। राज्य में बाल श्रम के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार ने इस योजना की योजना बनाई है। इससे राज्य के सभी बच्चों का कल्याण सुनिश्चित होगा।
अवलोकन:
योजना | बाल श्रम रोकने की योजना |
योजना के तहत | केरल सरकार |
द्वारा घोषित | महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री वीना जॉर्ज |
घोषणा की तारीख | १४ दिसंबर, २०२१ |
द्वारा कार्यान्वित | महिला एवं बाल कल्याण विभाग |
प्रमुख उद्देश्य | राज्य में बाल श्रम को रोकने के लिए जिससे राज्य में बच्चों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित हो सके। |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बाल श्रम को रोकना है।
- इस योजना के तहत विभाग को बाल श्रम की जानकारी देने वालों को २५०० रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- विभाग जानकारी का उपयोग करेगा और बच्चों को खतरनाक काम से बचाने में मदद करेगा।
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में बाल श्रम के तहत फंसे बच्चों को रोकना है।
- यह राज्य में बच्चों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
प्रमुख बिंदु:
- १४ दिसंबर, २०२१ को केरल महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री वीना जॉर्ज ने राज्य में बाल श्रम को रोकने के लिए योजना की घोषणा की।
- बाल श्रम देश में एक आपराधिक अपराध है और बहुत लंबे समय से प्रतिबंधित है।
- बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं नियमन) अधिनियम के अनुसार १४ वर्ष से कम आयु के बच्चों को श्रम में नहीं लगाया जाना चाहिए।
- १४-१८ वर्ष की आयु के बच्चों को खतरनाक काम में नहीं लगाया जाना चाहिए।
- यह योजना सरकार द्वारा कोविड-१९ महामारी के प्रकोप के बाद कई स्थानों पर बाल श्रम के मामलों के दायरे में लाने की योजना है।
- राज्य सरकार का लक्ष्य राज्य में बाल श्रम के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाना है।
- यह एक प्रोत्साहन योजना है जिसके तहत राज्य सरकार बाल श्रम पर विभाग को जानकारी देने वालों को २५००/- रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी।
- व्यक्ति सक्रिय बाल श्रम मामलों से संबंधित गोपनीय जानकारी उसके लिए नियुक्त जिला बाल संरक्षण अधिकारी को उपलब्ध कराएं।
- प्राप्त सूचना के आधार पर विभाग पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से आवश्यक कार्यवाही करेगा।
- इससे राज्य के सभी बच्चों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होगा।