वीरभद्रकाली तरारानी स्वयंसिद्ध योजना: गांवों में उन महिलाओं को सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, जिन्होंने कोविड के कारण अपने पति को खो दिया, जिससे उनका कल्याण सुनिश्चित हो सके।
महाराष्ट्र ग्रामीण विकास मंत्रालय उन महिलाओं के लिए ‘वीरभद्रकाली तरारानी स्वयंसिद्ध योजना’ लेकर आया है, जिन्होंने कोविड के कारण अपने पति को खो दिया है। इस पहल की घोषणा ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ ने की। यह योजना मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करने और सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। यह योजना महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका अभियान के माध्यम से लागू की जाएगी। यह योजना राज्य में विधवा ग्रामीण महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करती है जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होता है।
अवलोकन:
योजना | वीरभद्रकाली तरारानी स्वयंसिद्ध योजना |
योजना के तहत | महाराष्ट्र ग्रामीण विकास मंत्रालय |
द्वारा घोषित | ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरीफ |
लाभार्थि | ग्रामीण महिलाएं जिन्होंने कोविड के कारण अपने पति को खोया |
लाभ | आजीविका के अवसर, ब्याज मुक्त ऋण, प्रशिक्षण और अन्य उपाय। |
उद्देश्य | गांवों में उन महिलाओं को सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, जिन्होंने कोविड के कारण अपने पति को खो दिया, जिससे उनका कल्याण सुनिश्चित हो सके। |
उद्देश्य और लाभ:
- पहल का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण महिलाओं को सहायता प्रदान करना है जिन्होंने अपने पति को कोविड के कारण खो दिया है।
- इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- लाभार्थी महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
- इस पहल के तहत, लाभार्थियों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के तहत कवरेज मिलेगा।
- यह सहायता राशि मुख्य रूप से ग्रामीण परिवारों की विधवाओं के लिए है।
- इसका उद्देश्य कठिन समय में ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
प्रमुख बिंदु:
- ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने वीरभद्रकाली तरारानी स्वयंसिद्ध योजना को लागू करने का निर्णय लिया है।
- यह योजना उन गांवों में महिलाओं की सहायता के लिए बनाई गई है जिन्होंने कोविड के कारण अपने पति को खो दिया है।
- महाराष्ट्र सरकार ने योजना को लागू करने की मंजूरी दे दी है।
- यह योजना महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका अभियान के माध्यम से लागू की जाएगी।
- इस योजना के तहत लाभार्थी ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के प्रयास किए जाएंगे।
- गांव में कम से कम पांच विधवा महिलाओं के साथ स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाएगा।
- पात्र महिलाओं को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना के तहत महिलाओं को आवश्यक प्रशिक्षण के साथ रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से पात्र महिलाओं को पूंजी प्रदान करने की भी कोशिश करेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में विधवाओं की मदद के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह उनकी सहायता करेगा और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा जिससे उनकी बेहतरी, कल्याण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।