Electric two-wheelers to workers, Gujarat

To promote the usage of electric vehicles in the state thereby reducing the level of vehicle pollution.

श्रमिकों को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, गुजरात: राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना जिससे वाहन प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।

२५ अक्टूबर, २०२१ को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक योजना शुरू की। इस योजना के तहत राज्य सरकार औद्योगिक और निर्माण श्रमिकों को रियायती दरों पर बिजली के दोपहिया वाहन उपलब्ध कराएगी। यह राज्य में बढ़ी हुई विद्युत गतिशीलता को बढ़ावा देता है। यह पहल मुख्य रूप से हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित मेड इन इंडिया वाहन एक बार चार्ज में ५० किलोमीटर की गति के साथ पात्र होंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदूषण के स्तर को कम करना है।

अवलोकन:

योजना श्रमिकों को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन योजना
योजना के तहत गुजरात सरकार
द्वारा लॉन्च किया गया मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
लॉन्च की तारीख २५ अक्टूबर, २०२१
लाभार्थि राज्य के औद्योगिक एवं निर्माण श्रमिक।
मुख्य उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना जिससे वाहन प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।

उद्देश्य और लाभ:

  • यह योजना राज्य में बिजली और हरित गतिशीलता को बढ़ाती है।
  • इसका उद्देश्य श्रमिकों को पेट्रोल/डीजल के बिलों के बोझ से मुक्त करना है।
  •  इस योजना के तहत गुजरात के सभी औद्योगिक और निर्माण श्रमिक शामिल हैं।
  • इस योजना के तहत राज्य सरकार सब्सिडी दरों पर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराएगी।
  • औद्योगिक श्रमिकों को वाहन की कीमत पर ३०% सब्सिडी या रु ३०००० जो भी कम हो
  • निर्माण श्रमिकों को वाहन की कीमत पर ५०% सब्सिडी या रु ३०००० जो भी कम हो।
  • लाभार्थियों को आरटीओ पंजीकरण और रोड टैक्स पर एकमुश्त सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग से लंबे समय में प्रदूषण के स्तर का उल्लेखनीय रूप से मुकाबला करने में मदद मिलेगी और चारों ओर एक सुरक्षित वातावरण तैयार होगा।

प्रमुख बिंदु:

  • मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने २५ अक्टूबर, २०२१ को श्रमिकों के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन योजना का शुभारंभ किया।
  • इस योजना के तहत राज्य में औद्योगिक और निर्माण श्रमिकों को रियायती दरों पर बिजली के दोपहिया वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • औद्योगिक श्रमिकों को वाहन की कीमत पर ३०% या रु ३०००० जो भी कम हो और निर्माण श्रमिकों को वाहन की कीमत पर ५०% सब्सिडी या रु ३०००० जो भी कम हो।
  • लाभार्थियों को आरटीओ पंजीकरण और रोड टैक्स पर एकमुश्त सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना के तहत केवल सरकार द्वारा अनुमोदित मेड इन इंडिया वाहनों का उपयोग एक बार चार्ज में ५० किलोमीटर की गति के साथ किया जाएगा।
  • यह रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ-साथ संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा देता है।
  • श्रमिकों को आधिकारिक गो ग्रीन पोर्टल पर जाना होगा और पसंद के दोपहिया वाहन को बुक करना होगा और निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
  • एक बार बुकिंग स्वीकृत हो जाने के बाद, कर्मचारी डीलर से डिलीवरी ले सकता है।
  • इस योजना का उद्देश्य राज्य में लगभग २००० औद्योगिक श्रमिकों और १००० निर्माण श्रमिकों को बिजली के दोपहिया वाहन उपलब्ध कराना है।
  • गुजरात सरकार प्रदूषण की दर को कम करने और राज्य में हरित पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहल कर रही है
  • यह योजना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे राज्य में इलेक्ट्रिक और ग्रीन मोबिलिटी भी बढ़ेगी।
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