ग्राम समृद्धि योजना (जीएसवाई)
भारत सरकार ने देश के असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मदत के लिए ग्राम समृद्धि योजना (जीएसवाई) शुरू करने की योजना बना रही है। इस योजना को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय लागू करेगा। कुटीर उद्योग, कृषि उत्पादक संगठन और व्यक्तिगत खाद्य निर्माण करने वाले यूनिट इस योजना से लाभान्वित किये जाएंगे।
Gram Samridhi Yojana (In English)
ग्राम समृद्धि योजना (जीएसवाई)
- लाभ: वित्तीय सहायता, ऋण और ब्याज पर सब्सिडी
- लाभार्थी: लघु / गृह-आधारित खाद्य प्रसंस्करण यूनिट
- बजट: ३,००० करोड़ रुपये
ग्राम समृद्धि योजना (जीएसवाई) का उद्देश्य:
- लघु और मध्यम पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण यूनिट को मदत और प्रोत्साहित किया जाएंगा।
- उन्हें आर्थिक रूप से मदत की जाएंगी।
- उनको वित्त और ऋण तक आसानी से पहुँच प्रदान की जाएंगी।
- कौशल विकास में उनकी मदत की जाएंगी, प्रौद्योगिकी उन्नयन और विस्तार किया जाएंगा।
- उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया जाएंगा और युवा व्यवस्था को बढ़ावा देने में मदत की जाएंगी।
- ग्रामीण क्षेत्र में अधिक नौकरियां प्रदान की जाएंगी ताकी भारत देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।
लाभार्थी:
- गृह-आधारित लघु खाद्य प्रसंस्करण यूनिट
- किसान उत्पादक संगठन
- वैयक्तिक खाद्य प्रसंस्करण
लाभ:
- लाभार्थी को ऋण तक आसानी से पहुँच प्रदान की जाएंगी।
- प्रसंस्करण यूनिट को १० लाख रुपये तक के ऋण के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएंगी।
- ऋण के ब्याज पर सब्सिडी प्रदान की जाएंगी।
योजना मुख्य रूप से स्थानीय किसानों की मदत करेगी। इस योजना के माध्यम से सरकार का मुख्य उद्देश देश के किसानों की आय को दोगुना करनी है। ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थानीय कृषि उत्पाद, पैकेज और बाजार को संसाधित करेगी।
इस योजना के लिए विश्व बैंक द्वारा ५०% वित्त पोषित करेंगी। विश्व बैंक के तरफ से १,५०० करोड़ रुपये का निवेश ग्राम समृद्धि योजना में किया जाएगा, जहाँ शेष १,५०० करोड़ रुपये का निवेश केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत देश में ग्रामीण ऊष्मायन और व्यापार केंद्र भी स्थापित किये जाएंगे। ऊष्मायन बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं के साथ समर्थन करेंगे। व्यापार केंद्र नये उत्पादों को शुरू करने, विपणन और उन्हें बेचने में मदत करेंगे।
इस योजना का शुभारंभ किया जाना बाकी है। मंजूरी मिलते ही इस योजना को चरणों में शुरू किया जाएगा। पहले चरण में इस योजना को देश के महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य में लागू किया जाएगा।