राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति: अनुपयुक्त वाहनों को हटाकर प्रदूषण को नियंत्रित करना जिससे भविष्य में स्वच्छ पर्यावरण में योगदान हो।
१३ अगस्त, २०२१ को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति शुरू की, जिसका उद्देश्य देश भर में सड़कों से अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का उन्मूलन सुनिश्चित करना है। इस पहल की घोषणा पहले वित्त मंत्री- निर्मला सीतारमण ने २०२१-२२ के बजट में की थी। यह नीति सभी निजी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण पेश करती है। इसमें फिटनेस परीक्षण के आधार पर २० वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों और १५ वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों का स्वैच्छिक परिमार्जन शामिल है। यह भारतीय वाहन मालिकों के लिए एक स्वैच्छिक नीति है। वाहनों को स्क्रैप करने के लिए कर लाभ, पंजीकरण शुल्क माफ करने आदि जैसे विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाएंगे। यह न केवल नए निवेश लाएगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
अवलोकन:
योजना का नाम | राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति |
योजना के तहत | केंद्र सरकार |
द्वारा घोषित | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
द्वारा लॉन्च किया गया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
लॉन्च की तारीख | १३ अगस्त २०२१ |
लाभार्थी | देश में वाहन मालिक |
प्रमुख उद्देश्य | अनुपयुक्त वाहनों को हटाकर प्रदूषण को नियंत्रित करना जिससे भविष्य में स्वच्छ पर्यावरण में योगदान हो। |
उद्देश्य और लाभ:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में अनुपयुक्त वाहनों को सड़कों से हटाना है।
- सड़कों पर फिट वाहनों को सुनिश्चित करता है जिससे प्रदूषण का स्तर कम होता है।
- यह ईंधन दक्षता को प्रोत्साहित करता है।
- देश में वाहन प्रदूषण को कम करने का यह लक्ष्य रखेगा।
- इससे देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
- इस पहल का उद्देश्य सड़क परिवहन क्षेत्र में लगभग ५०,००० नए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- इससे नए निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
- वाहन खराब करने वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- इस पहल से देश में नए वाहनों की स्वाभाविक मांग बढ़ेगी।
प्रमुख बिंदु:
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने वाहन स्क्रैप के लिए १३ अगस्त, २०२१ को वस्तुतः राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति लॉन्च की।
- इस योजना के बारे में घोषणा पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने २०२-२२ के बजट में की थी।
- इस योजना के तहत वाहन मालिक फिटनेस टेस्ट के आधार पर अपने पुराने वाहनों को नए के लिए स्क्रैप कर सकते हैं।
- फिटनेस टेस्ट निजी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य है जिनकी उम्र २० और १५ वर्ष है।
- यदि किसी वाहन का फिटनेस टेस्ट नहीं होता है तो संबंधित प्राधिकारी उस वाहन का पंजीकरण रद्द कर देगा।
- फिटनेस टेस्ट सरकारी प्रमाणित केंद्रों में ही किया जाएगा और वाहन की फिटनेस रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
- एक बार जब वाहन को अनुपयुक्त करार दिया जाता है तो मालिक को उसे स्क्रैप करना होगा जिसके बाद मालिक को एक स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
- ऐसे वाहन मालिकों को विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे जिन्होंने अपने पुराने वाहनों को रद्द कर दिया।
- स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के जरिए मालिक को नया वाहन खरीदने पर भी ५-६% मिलेगा।
- नया निजी वाहन खरीदने पर २५% तक और नए वाणिज्यिक वाहन खरीदने के लिए १५% तक रोड टैक्स में छूट लागू होगी।
- केंद्र सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि १५ साल से पुराने सभी सरकारी वाहनों को बंद कर दिया जाएगा।
- यह पहल स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण में योगदान देगी।
- यह पुराने, इस्तेमाल किए गए और मूल्यह्रास वाहनों से प्रदूषण को कम करता है और प्रदूषण मुक्त वातावरण को प्रोत्साहित करता है।