Sant Gadge Baba Gram Swachata Abhiyan

संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान

संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान एक अभिनव प्रयोग है जो विशेष रूप से सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जीवन को आसान बनाने के लिए विकासशील सुविधाओं के साथ घरेलू और सामुदायिक स्तर पर स्वस्थ प्रथाओं को अपनाने से अस्वास्थ्यकर, बदसूरत माहौल को खत्म करना है। संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छ अभियान का उद्देश्य सरकार पर निर्भरता को कम करना है और सरकार की जिमेदारी को  सामुदायिक संस्थानों द्वारा विकसित किया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य भर में उच्च प्रशंसा ने इसे सफल बना दिया है। राज्य को यह कहते हुए गर्व होता है कि इस प्रयोग ने समुदाय के विकास के क्षेत्र में अविश्वसनीय सकारात्मक संस्कृति लाई है। १९ वीं शताब्दी के लोक नायक संत गाडगे बाबा जिन्होंने लोगों को आत्मनिर्भरता और सामुदायिक साझा करने के दर्शन के साथ प्रेरित किया है, महाराष्ट्र राज्य के गांवों में इस योजना के तहत किये जा रहे बदलावों से प्रसन्न होंगे। स्वच्छ परिवेश, स्वयं सहायता योजनाएं, ईंधन बचाने वाले उपकरणों का उपयोग, पर्यावरण जागरूकता में वृद्धि और महिलाओं के समूह को सुदृढ़ करना उनमें से कुछ है। महाराष्ट्र राज्य के सभी गांवों में ‘गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान’ का परिचय दिया है। यह ‘स्वच्छ गांव’ के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी गांवों का निमंत्रण देता है। इस अभियान को भारी प्रतिक्रिया मिली और ग्रामीण महाराष्ट्र में असाधारण परिवर्तन हुआ है।

संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान के फायदे:

  • प्रत्येक क्षेत्र में तीन सबसे स्वच्छ गांव –  २५,००० रुपये, १५,००० रुपये, १०,००० रुपये की  पुरस्कार राशी  प्रदान की जाएगी।
  • प्रत्येक क्षेत्र में तीन सबसे स्वच्छ गांव – ५०,००० रुपये, ३०,००० रुपये, २०,००० रुपये की पुरस्कार राशी प्रदान  की जाएगी।
  • प्रत्येक डिवीजन में तीन स्वच्छतम गांव –  १० लाख रुपये, ८ लाख रुपये, ६ लाख रुपये की पुरस्कार राशी प्रदान  की जाएगी।
  • राज्य में तीन स्वच्छतम गांव –  २५ लाख रुपये, १५ लाख रुपये १२ लाख रुपये की  पुरस्कार राशी प्रदान  की जाएगी।
  • ऐसे संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।

संत गाडगे बाबा अभियान का प्रभाव:

  • इस अभियान ने समुदाय की भावना को उजागर कर दिया है।
  • समुदाय द्वारा एकत्रित स्वैच्छिक श्रम की बड़ी मात्रा में श्रमदान देखा गया है।
  • हर साल राज्य में ३०० करोड़ रुपये की सार्वजनिक सुविधाएं बनाई जाती है। (यूनिसेफ का अध्ययन)
  • गांवों में बेहतर रहने की स्थिति  प्रदान की जाएगी।
  • स्थानीय स्व-सरकार को अधिकार मिला है।

संत गाडगे बाबा अभियान के लिए पात्रता और मानदंड:

  • राज्य में सभी ग्राम पंचायतों के लिए अभियान में भाग लेना अनिवार्य है।
  • संत गाडगेबाबा ग्राम स्वच्छता  अभियान के तहत, पहले / पिछले स्तर में पुरस्कार के लिए चुने गए स्कूलों और नर्सरी केवल इस योजना में उच्चतम / अगले स्तर के पुरस्कार के लिए पात्र है राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज स्वाच शाला और  स्वाच आंगनवाड़ी पुरस्कार दिया जाएगा।
  • राज्य में किसी भी स्कूल या नर्सरी को पुरस्कारों के वितरण और चयन की प्रक्रिया जैसे कार्यक्रमों के संगठन पर पैसे खर्च नहीं करने होंगे, वित्तीय व्यय की पूरी ज़िम्मेदारी जिला परिषद या राज्य सरकार द्वारा की  जाएगी।
  • सभी चार स्तरों पर राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज निर्मल ग्राम पुरस्कार के पुरस्कार के लिए एक ही गांव का चयन करना उचित है।
  • प्रत्येक चरण में आकलन और मूल्यांकन की प्रक्रिया के लिए गठित सभी समितियों के लिए अनिवार्य है, अनुसूची के अनुसार मूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजरना राज्य सरकार द्वारा उन्हें दिया जाता है।

संपर्क विवरण और संदर्भ:

  • इस योजना के आधिक जानकारी के लिए निचे दिए वेबसाइट पर जाए:
  • http://wsp.org/sites/wsp.org/files/publications/Presentation-BK-Sawai-Sant-Gadgebaba.pdf
  • https://water.maharashtra.gov.in/default.aspx

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