श्रेयस – युवाओं को शिक्षुता और कौशल उच्च शिक्षा योजना
भारत देश के मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने युवाओं को शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए श्रेयस योजना शुरू की है। भारत देश के स्नातक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और औद्योगिक शिक्षुता के अवसर प्रदान किये जाएंगे। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य स्नातकों के लिए रोजगार निर्माण करना और उद्योगों में अच्छी नौकरी पाने की संभावनाओं को बढ़ाना है। केंद्र सरकार के तीन मंत्रालय संयुक्त रूप से इस योजना को लागू करेंगे। मंत्रालयों में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, और श्रम और रोजगार मंत्रालय शामिल है।
SHREYAS – Scheme For Higher Education Youth In Apprenticeship & Skills (In English)
श्रेयस – युवाओं को शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा योजना
- लाभ: कौशल प्रशिक्षण और औद्योगिक शिक्षुता के अवसर
- लाभार्थी: नये स्नातक
स्नातकों को अच्छी नौकरी पाने के लिए उनकी औपचारिक पदवी के साथ प्रासंगिक उद्योग कौशल प्रशिक्षण अनिवार्य है। यह युवाओं को आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में कुशल, सक्षम और रोजगार प्राप्त करने के लिए उन्हें तैयार करेगा।
श्रेयस पात्रता मानदंड:
- यह योजना भारत देश के स्नातक के लिए लागू है।
- यह योजना मुख्य रूप से गैर-तकनीकी स्नातकों के लिए है।
तकनीकी स्नातकों के पास ज्यादातर रोजगार प्राप्त करने के लिए कौशल होता है। अधिकांश कौशल तकनीकी स्नातकों के पदवी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में प्रदान किया जाता है। गैर-तकनीकी स्नातकों के पास कौशल प्रशिक्षण की कमी है। इसलिए श्रेयस युवाओं को शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए योजना उन्हें रोजगार योग्य बनाने में मदत करेगी।
श्रेयस पोर्टल:
सरकार जल्द ही आधिकारिक श्रेयस पोर्टल का शुभारंभ करेगी। कॉलेज, विश्वविद्यालय, उद्योग और लाभार्थी छात्र पोर्टल पर लॉगिन कर सकेंगे। इसमें उनके लिए संसाधन होंगे। श्रेयस वेबसाइट में उपलब्ध शिक्षुता / अनिवार्य निवासी सेवा के अवसरों का विवरण भी होगा।
श्रेयस शिक्षुता पात्रता मानदंड:
- छात्रों को उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि के आधार पर अनिवार्य निवासी सेवा के अवसर प्रदान किये जाएंगे। सभी पाठ्यक्रम शैक्षणिक वर्ष अप्रैल-मई २०१९ से उपलब्ध होंगे।
- ४० शैक्षणिक संस्थान प्रशिक्षुता पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए सहमत हुए है।