बाल सहायता योजना, बिहार: राज्य भर में उन बच्चों की बेहतरी और कल्याण को सक्षम करने के लिए जिन्होंने माता-पिता दोनों को / माता-पिता में से कम से कम एक को कोविड के कारण खो दिया है।
३० मई, २०२१ को बिहार सरकार ने महामारी की स्थिति के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे बच्चों के लिए ‘बाल सहायता योजना’ नाम से एक नई योजना की घोषणा की है। यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। इस योजना के तहत राज्य सरकार उन बच्चों के लिए विभिन्न कल्याणकारी उपाय करेगी जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है। राज्य सरकार बच्चों को रुपये १५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता १८ वर्ष की आयु तक प्रदान करेगी। बिना अभिभावक के बच्चों को राज्य सरकार के बाल गृहों में आश्रय प्रदान किया जाएगा। अनाथ लड़कियों को भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। यह योजना राज्य सरकार द्वारा इस कठिन समय में लाभार्थी बच्चों की देखभाल के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
अवलोकन:
योजना का नाम: | बाल सहायता योजना |
योजना के तहत: | बिहार सरकार |
द्वारा घोषित: | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
घोषणा की तिथि: | ३० मई, २०२१ |
लाभार्थी: | कोविड के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है। |
लाभ: | रुपये १५०० प्रतिमाह की आर्थिक सहायता अन्य उपायों के साथ। |
उद्देश्य: | राज्य भर में उन बच्चों की बेहतरी और कल्याण को सक्षम करने के लिए जिन्होंने माता-पिता दोनों को / माता-पिता में से कम से कम एक को कोविड के कारण खो दिया है। |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को सहायता प्रदान करना है जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है।
- राज्य सरकार बच्चों को रुपये १५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता १८ वर्ष की आयु तक प्रदान करेगी।
- इससे छात्रों को वित्तीय बाधाओं के बिना आगे की पढ़ाई में मदद मिलेगी।
- बिना अभिभावक के बच्चों को राज्य सरकार के बाल गृहों में आश्रय प्रदान किया जाएगा।
- अनाथ लड़कियों को भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
- महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के कल्याण की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।
- यह योजना राज्य भर में इस कठिन और अभूतपूर्व समय में बच्चों की बेहतरी और कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए है।
योजना विवरण:
- बिहार सरकार ने राज्य में उन बच्चों के लिए बाल सहायता योजना की घोषणा की, जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।
- योजना की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ३० मई, २०२१ को की थी।
- यह योजना उन बच्चों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए शुरू की गई है जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है या कोविड के कारण अनाथ हो गए हैं।
- राज्य सरकार बच्चों को रुपये १५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता १८ वर्ष की आयु तक प्रदान करेगी।
- इससे छात्रों को वित्तीय बाधाओं के बिना आगे की पढ़ाई में मदद मिलेगी।
- बिना अभिभावक बच्चों को राज्य सरकार के बाल गृहों में आश्रय प्रदान किया जाएगा।
- अनाथ लड़कियों को भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
- बिहार के समाज कल्याण विभाग द्वारा अब तक उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक ५० बच्चे अनाथ हो चुके हैं और १४८० से अधिक बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को, कोविड की दूसरी लहर में खो दिया है।
- कोविड-१९ महामारी ने बच्चों सहित बहुत से लोगों को प्रभावित किया है और इस प्रकार राज्य सरकार इन कठिन और अभूतपूर्व समय में बच्चों की सहायता के लिए प्रयास कर रही है जिससे उनका कल्याण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- यह योजना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है जो पूरे राज्य में प्रभावित बच्चों के लिए वरदान साबित होगी।