मुख्यमंत्री बाला सेवा, कर्नाटक: राज्य भर में उन बच्चों की बेहतरी और कल्याण को सक्षम करने के लिए जिन्होंने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है।
२९ मई, २०२१ को कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार के सुझावों के आधार पर ‘मुख्यमंत्री बाला सेवा’ नाम से एक नई योजना की घोषणा की। यह उन बच्चों के लिए घोषित किया गया है जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया और कोविड -१९ के कारण अनाथ हो गए। इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने की। इस योजना के तहत राज्य सरकार उन बच्चों के लिए विभिन्न कल्याणकारी उपाय करेगी जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार बच्चे के बालिग होने तक बच्चे के अभिभावक या देखभाल करने वाले को रुपये ३,५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। १० वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना अभिभावक या देखभाल करने वाले को राज्य पंजीकृत बाल देखभाल संस्थानों में आश्रय प्रदान किया जाएगा। ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा का ध्यान सरकार रखेगी। बच्चों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कित्तूर रानी चेन्नम्मा आवासीय विद्यालयों और मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। सरकार ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप भी उपलब्ध कराएगी, जिन्होंने १० वीं की परीक्षा पास की है। इस कठिन समय में बच्चों की देखभाल के लिए यह योजना राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
अवलोकन:
योजना का नाम: | मुख्यमंत्री बाला सेवा योजना |
योजना के तहत: | कर्नाटक सरकार |
द्वारा घोषित: | मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा |
घोषणा की तिथि: | २९ मई, २०२१ |
लाभार्थी: | कोविड के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है। |
लाभ: | रुपये ३,५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता, अन्य उपायों सहित। |
उद्देश्य: | राज्य भर में उन बच्चों की बेहतरी और कल्याण को सक्षम करने के लिए जिन्होंने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है। |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को सहायता प्रदान करना है जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है।
- योजना के तहत, राज्य सरकार बच्चे के बालिग होने तक बच्चे के अभिभावक या देखभाल करने वाले को रुपये ३,५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- १० वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना अभिभावक या देखभाल करने वाले के राज्य में पंजीकृत बाल देखभाल संस्थानों में आश्रय प्रदान किया जाएगा।
- ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा पर सरकार द्वारा ध्यान दिया जाएगा।
- बच्चों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कित्तूर रानी चेन्नम्मा आवासीय विद्यालयों और मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। सरकार ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप भी उपलब्ध कराएगी, जिन्होंने १० वीं की परीक्षा पास की है।
- इससे छात्रों को वित्तीय बाधाओं के बिना आगे की पढ़ाई में मदद मिलेगी।
- महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के कल्याण की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।
- यह योजना राज्य भर में इस कठिन और अभूतपूर्व समय में बच्चों की बेहतरी और कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए है।
योजना विवरण:
- कर्नाटक सरकार ने राज्य में उन बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाला सेवा योजना की घोषणा की, जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो दिया था।
- इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार, २९ मई, २०२१ को की थी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के सुझावों के अनुसार यह योजना बनाई गई है।
- इस योजना की घोषणा उन बच्चों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए की गई है, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है या कोविड के कारण अनाथ हो गए हैं।
- योजना के तहत, राज्य सरकार बच्चे के बालिग होने तक बच्चे के अभिभावक या देखभाल करने वाले को रुपये ३,५०० प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- १० वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना अभिभावक या देखभाल करने वाले के राज्य में पंजीकृत बाल देखभाल संस्थानों में आश्रय प्रदान किया जाएगा।
- ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा पर सरकार द्वारा ध्यान दिया जाएगा।
- बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कित्तूर रानी चेन्नम्मा आवासीय विद्यालयों और मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
- सरकार ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप भी उपलब्ध कराएगी, जिन्होंने कक्षा १० की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
- उच्च अध्ययन और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए भी सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
- अनाथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मेंटर्स की नियुक्ति की जाएगी।
- २१ वर्ष की आयु पूरी करने वाली लड़कियों के उनकी शादी, उच्च शिक्षा और स्वरोजगार के खर्च के लिए रुपये १ लाख की एकमुश्त राशि प्रदान करेगी।
- कोविड-१९ महामारी ने बच्चों सहित बहुत से लोगों को प्रभावित किया है और इस प्रकार राज्य सरकार इन कठिन और अभूतपूर्व समय में बच्चों की सहायता के लिए प्रयास कर रही है जिससे उनका कल्याण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- इस योजना के कारण अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय के बावजूद राज्य सरकार इस योजना को लागू करने और राज्य भर में कठिनाइयों का सामना कर रहे बच्चों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यह योजना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है जो पूरे राज्य में प्रभावित बच्चों के लिए वरदान साबित होगी।