वन समृद्धि जन समृद्धि योजना हिमाचल प्रदेश: औषधीय पौधों की खेती करे और कमाए
हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन समृद्धि जन समृद्धि योजना (वीएसजेएसवाई) नामक नई योजना को मंजूरी दी है। हिमाचल प्रदेश राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अब नई वन समृद्धि जन समृद्धि योजना के माध्यम से औषधीय पौधों को विकसित कर उन्हें बेच कर मुनाफा कमा सकते है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में रोजगार निर्माण करना और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार करना है। इससे पहले औषधीय पौधों को हिमाचल प्रदेश राज्य के जंगल से लोग बिना अनुमति निकलकर बेचतेते थे । अब कोई भी वन विभाग की अनुमति के बिना हिमाचल प्रदेश जंगलों से औषधीय पौधों को नहीं ले सकते है।
Van Samridhi Jan Samridhi Yojana (In English)
सरकार इस योजना के माध्यम से हिमाचल प्रदेश राज्य में औषधीय पौधों को अच्छा मूल्य प्राप्त करना और ग्रामीणों को उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा देना इस योजना का मुख्य उद्देश है। सरकार राज्य के ५ जिलों में औषधीय पौधों की पहचान करेगी और उन्हें मानचित्रण कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को औषधीय पौधों का उच्चित मूल्य मिलेगा। इस योजना के तहत सरकार गांवों से औषधीय पौधों को इकट्ठा करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को अनुमति देगी और सरकार स्वयं सहायता समूहों के लिए १०,००० रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
वन समृद्धि जन समृद्धि योजना क्या है? हिमाचल प्रदेश सरकार की योजना जिसके तहत प्रदेश के ग्रामीण जंगलोसे औषधीय पौधों को निकल और बेच सकते है।
वन समृद्धि जन समृद्धि योजना उद्देश्य:
- इस योजना के माध्यम से राज्य के वनों, औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों की रक्षा और संरक्षण किया जाएगा
- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएगे
- इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को सशक्त बनाना और उनके जीवन स्थर में सुधार लाया जाएगा
- ग्रामीणों और गांवों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा
वन समृद्धि जन समृद्धि योजना लाभ:
- ग्रामीण क्षेत्रों के लोग दवाइयों के पौधे और जड़ी बूटी इकट्ठा करके उसे बेचकर पैसा कमा सकते है
- १०,००० रुपये की वित्तीय सहायता स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदान की जाएगी
- सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को औषधीय पौधों की पहचान, संग्रह, प्रसंस्करण और बिक्री पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी
- अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपनी जमीन पर औषधीय पौधे उगा सकते हैं और उन्हें बेच सकते है
- सरकार उन किसानों को २५% की सब्सिडी प्रदान करेगी जो अपनी भूमि पर औषधीय पौधे उगाते है
वन समृद्धि जन समृद्धि योजना के लिए पात्रता और औषधीय पौधों को कौन बढ़ा सकता है और कौन बेच सकता है?
- यह योजना केवल हिमाचल प्रदेश राज्य में लागू है
- जिन ग्रामीणों की अपनी जमीन है और औषधीय पौधे उगाते है वे इस योजना के लिए पात्र है
- सरकारी अनुमोदित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में शामिल होने वाले ग्रामीण औषधीय पौधों को इकट्ठा करके बेच सकते है
हिमाचल प्रदेश वन समृद्धि जन समृद्धि योजना औषधीय जड़ी बूटियों और पौधों को कैसे विकसित करे और कैसे पैसे कमाएं:
- ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सरकारी अनुमोदित स्वयं सहायता समूहों में शामिल हो सकते है और औषधीय जड़ी बूटियों को इकट्ठा करके बेच सकते है
- ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने ही जमीन पर औषधीय जड़ी बूटी उगा सकते है, उन्हें संसाधित कर सकते है और उन्हें बेच सकते है
वन समृद्धि जन समृद्धि योजना का प्रशिक्षण:
- सरकार वीएसजेएसवाई के तहत प्रशिक्षण प्रदान करेगी
- ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को प्रशिक्षित किया जाएगा
- औषधीय पौधों को पहचाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
- औषधीय पौधों का मूल्य को जानने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
- औषधीय पौधों का बाजार मूल्य को जानने और उन्हें बाजार में कैसे बेचने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
- सरकार औषधीय जड़ी बूटी बेचने के लिए बाजार उपलब्ध करके देंगी
हिमाचल प्रदेश राज्य के जंगलों में अनमोल औषधीय पौधों और जड़ी बूटी मिलाती है। हिमाचल प्रदेश में ३४०० प्रकार के जड़ी बूटियों के साथ १०३८ प्रजाति औषधीय पौधे पाये जाते है। उनमें से ज्यादातर विलुप्त होने के कगार पर है। ये जड़ी-बूटियां अधिकांश गंभीर बीमारियों का इलाज के लिए काम आती है और उनकी कीमत लाखों रुपये रहती है।
जैका परियोजना: सेटअप हर्बल औषधीय केंद्र हिमाचल प्रदेश
जैका परियोजना हिमाचल प्रदेश के वन विभाग द्वारा संचालित किया जाता है । उन्होंने औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों के लिए एक हर्बल औषधीय सेल बनाया है। सेल स्वयं सहायता समूहों को तकनीकी जानकारी और बाजार की कीमतें को उपलब्ध करवाता है। मोबाइल एसएमएस का उपयोग करके दिन-प्रतिदिन की कीमतें और आदि जानकारी सेल द्वारा प्रदान की जाती है।