शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस): युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करना जिससे वे उद्योग के लिए तैयार हो सकें।
२४ नवंबर, २०२१ को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के तहत ३०५४ करोड़ रुपये के वृत्तिका सहायता को मंजूरी दी। यह समर्थन २०२१-२२ से २०२५-२६ तक पांच साल के कार्यकाल में फैला हुआ है। एनएटीएस शिक्षा मंत्रालय के तहत लागू एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो उन छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है जो अपना शिक्षुता प्रशिक्षण पूरा करते हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के अनुरूप इस योजना के तहत वजीफा समर्थन में वृद्धि की है। इसका उद्देश्य छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल शिक्षा और कौशल आधारित प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है। इसका उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना है।
योजना अवलोकन:
योजना का नाम: | राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) |
योजना के तहत: | शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार |
लाभार्थि: | देश में छात्र |
उद्देश्य: | युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करना जिससे वे उद्योग के लिए तैयार हो सकें। |
आधिकारिक पोर्टल: | mhrdnats.gov.in |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य युवा उद्योग को तैयार करना है।
- यह देश भर के प्रशिक्षुओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- यह तकनीकी पाठ्यक्रमों, मानविकी, विज्ञान के साथ-साथ वाणिज्य में छात्रों को कवर करने का इरादा रखता है।
- इस योजना का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना है जिससे उन्हें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ने का अवसर प्रदान किया जा सके।
- यह शिक्षुता प्रशिक्षण पूरा करने के बाद छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने का इरादा रखता है।
- यह लंबे समय में देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा।
योजना विवरण:
- राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) युवाओं को कौशल आधारित शिक्षुता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिससे उन्हें उद्योग के लिए तैयार किया जा सके।
- इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में इच्छुक और योग्य उम्मीदवारों को चलते-फिरते प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- यह प्रशिक्षण देश के विभिन्न उद्योगों और संगठनों द्वारा प्रदान किया जाता है।
- प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण अवधि के दौरान लागू ९०००/८००० रुपये का मासिक वेतन दिया जाता है।
- २४ नवंबर, २०२१ को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस योजना के तहत ३०५४ करोड़ रुपये की बढ़ी हुई वृत्तिका सहायता को मंजूरी दी।
- यह समर्थन २०२१-२२ से २०२५-२६ तक पांच साल के कार्यकाल में फैला हुआ है।
- केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के अनुरूप इस योजना के तहत वजीफा समर्थन में वृद्धि की है।
- शुरुआत में इस योजना के तहत केवल तकनीकी और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया था।
- अब इस योजना का दायरा मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों तक बढ़ाया जा रहा है।
- यह योजना अब उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) के तहत उभरते क्षेत्रों जैसे मोबाइल विनिर्माण, फार्मा क्षेत्र, ऑटोमोबाइल क्षेत्र आदि को भी कवर करेगी।
- गति शक्ति के तहत कनेक्टिविटी / लॉजिस्टिक्स उद्योग क्षेत्र को भी योजना के तहत कवर किया जाएगा।
- इस योजना का उद्देश्य कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है जिससे युवा उद्योग तैयार हो सके।
- इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में लगभग ७ लाख युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण पर ध्यान देने के साथ रोजगार प्रदान किया जाएगा।