Prakratik Kheti-Khushal Kisan Scheme (PKKKS) Himachal Pradesh: Subsidy & financial assistance of Rs. 50,000 for natural farming

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) हिमाचल प्रदेश: प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता ५०,००० हजार रुपये

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) शुरू की है। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार वित्तीय सहायता के साथ सब्सिडी प्रदान करेगी। प्राकृतिक खेती को शून्य बजट खेती के रूप में जाना जाता है और साथ ही इसे बहुत ही कम लागत की आवश्यकता होती है और फसलों के प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है।

Prakratik Kheti-Khushal Kisan Scheme (In English)

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) क्या हैहिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसान की आय बढ़ाने के लिए एक योजना।

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) का उद्देश्य:

  • इस योजना के माध्यम से खेती में आवश्यक लागत को कम करना।
  • इस योजना के माध्यम से राज्य के किसानों की वार्षिकआय बधाई जाएंगी।
  • खेतों में रसायनों और उर्वरकों के उपयोग को कम किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) का लाभ:

  • प्राकृतिक खेती के लिए इनपुट सामग्री तैयार करने के लिए के लिए आवश्यक ड्रम पर ७५ % सब्सिडी वित्तीय सहायता।
  • गांवों में प्राकृतिक संसाधनों की दुकान खोलने के लिए ५०,००० रुपये प्रदान किये जाएंगे।
  • किसानों के लिए प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) के लिए पात्रता:

  • योजना केवल प्राकृतिक खेती के लिए।
  • यह योजना केवल हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए लागू है।

प्राकृतिक खेती-खुशाल किसान योजना (पीकेकेकेएस) की विशेषताएं और कार्यान्वयन:

  • इस योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट २०१८-१९ में २५ करोड़ रुपये आवंटित किए है।
  • जेआईसीए फसल विविधीकरण योजना: फसलों के विविधीकरण पर भी महत्व दिया जाता है। इस योजना के लिए ३०० करोड़ रुपये आवंटित किए गए  है।
  • हिमाचल प्रदेश का कृषि क्षेत्र घरेलू उत्पाद में  १०% तक का जीडीपी में योगदान देता है।
  • हिमाचल प्रदेश में ५.४२ लाख भूमि कृषि क्षेत्र के लिए है।
  • कृषि भूमि मशीनीकरण कार्यक्रम सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी वाली मशीनरी प्रदान करने के लिए चलाया जाता है।
  • ७८,६८०  हेक्टेयर क्षेत्र वर्ष २०१७-१८ में राज्य में सब्जी की खेती के लिए इस्तेमाल किया गया था।
  • हिमाचल प्रदेश में कृषि गतिविधियों के लिए साल २०१७-१८ में ६८८ करोड़ आवंटित किए गए  है।
  • १६,९१,५६४ मीट्रिक टन उत्पादन कृषि और संबंधित क्षेत्र के साथ हुआ।
  • सरकार का उद्देश्य २०२२  तक किसान आय को दोगुना करना और आय उत्पन्न करने के वैकल्पिक तरीके प्रदान करना है।

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