विकलांग व्यक्तियों के लिए विवाह योजना: राज्य में विकलांग व्यक्तियों को उनके विवाह में सहायता करना और उनका कल्याण सुनिश्चित करना।
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में राज्य में विकलांग व्यक्तियों के लिए एक विवाह योजना शुरू की है। यह शुभारंभ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा ८ दिसंबर, २०२१ को किया गया था। इस योजना के तहत राज्य सरकार राज्य भर के मंदिरों में विकलांग व्यक्तियों के बीच विवाह के मुफ्त संचालन की अनुमति देती है। लाभार्थी मंदिरों से जुड़े कल्याण मंडपम भी मुफ्त में किराए पर ले सकेंगे। इस योजना के तहत मंदिर जोड़े को साड़ी और धोती प्रदान करेंगे। राज्य के लगभग ३०० मंदिर इस योजना के अंतर्गत आते हैं। यह योजना राज्य में विकलांग व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करती है। यह योजना तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के तहत लागू की जाएगी।
योजना अवलोकन:
योजना | विकलांग व्यक्तियों के लिए विवाह योजना |
योजना के तहत | तमिलनाडु सरकार |
द्वारा लॉन्च किया गया | मुख्यमंत्री एमके स्टालिन |
लॉन्च की तारीख | ८ दिसंबर, २०२१ |
मुख्य लाभार्थी | राज्य में विकलांग व्यक्ति |
लाभ | राज्य के मंदिरों में विकलांग व्यक्तियों के बीच मुफ्त विवाह। |
प्रमुख उद्देश्य | राज्य में विकलांग व्यक्तियों को उनके विवाह में सहायता करना और उनका कल्याण सुनिश्चित करना। |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में विकलांग व्यक्तियों को उनके विवाह में सहायता प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार ने मंदिरों में मुफ्त में विवाह कराने की अनुमति दी है।
- लाभार्थी मंदिरों से जुड़े कल्याण मंडपम भी मुफ्त में किराए पर ले सकेंगे।
- मंदिर के अधिकारी इस योजना के तहत जोड़ों को साड़ी और धोती प्रदान करेंगे।
- यह योजना उन लाभार्थियों की मदद करेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आर्थिक तंगी के कारण अपनी शादी की इच्छा को पूरा नहीं कर सकते हैं।
- यह राज्य में लाभार्थियों के सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करता है।
प्रमुख बिंदु:
- विकलांग व्यक्तियों के लिए विवाह की योजना तमिलनाडु राज्य में हाल ही में शुरू की गई है।
- मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ८ दिसंबर २०२१ को इस योजना की शुरुआत की थी।
- योजना के शुभारंभ को चिह्नित करने के लिए मुख्यमंत्री ने दो विकलांग व्यक्तियों एस सुरेश कुमार और एस मोनिशा को सरकारी आदेश की एक प्रति दी, जिन्होंने ट्रिप्लिकेन में श्री पार्थसारथी पेरुमल मंदिर में शादी करने के लिए आवेदन किया था।
- सीएम ने समारोह के दौरान जोड़े को आशीर्वाद दिया और उपहार भी दिए।
- यह योजना मुख्य रूप से राज्य में विकलांग व्यक्तियों को उनके विवाह में सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है ।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार ने राज्य में विकलांग व्यक्तियों के बीच मंदिर विवाह के मुफ्त आयोजन की अनुमति दी है।
- यह योजना तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के तहत लागू की जाएगी।
- लाभार्थी मंदिरों से जुड़े कल्याण मंडपम भी मुफ्त में किराए पर ले सकेंगे।
- इस योजना के तहत मंदिर जोड़े को साड़ी और धोती प्रदान करेंगे।
- शादी करने के इच्छुक लाभार्थियों को केवल सर्विस चार्ज देना होगा।
- उन्हें आयु प्रमाण, जन्म प्रमाण पत्र आदि जैसे विवरण भी देने होंगे।
- आवश्यक विवरण और दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद मंदिर उन्हें विवाह प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
- यह योजना राज्य में लाभार्थियों के सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करती है।
- राज्य के लगभग ३०० मंदिर इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
- कवर किए गए मंदिरों में कपालेश्वर मंदिर, वडापलानी अंदावर मंदिर, समयपुरम मंदिर, मरिअम्मन मंदिर और मामल्लापुरम के पास थिरुविदंथई मंदिर शामिल हैं।