काऊ/गाय एक्सप्रेस और १९६२ हेल्पलाइन: मध्य प्रदेश में जानवरों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा / एम्बुलेंस
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य के बीमार जानवरों के लिए काऊ/गाय एक्सप्रेस (मोबाइल मेडिकल पशु एम्बुलेंस) आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा की घोषणा की है। काऊ/गाय एक्सप्रेस को बुलाने के लिए सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर १९६२ भी सुरु की है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्य में काऊ/गाय मंत्रालय शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से मध्यप्रदेश राज्य में जानवरों के कल्याण और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा एक अभिनव कदम है।
Cow Express & 1962 helpline (In English)
काऊ/गाय एक्सप्रेस और हेल्पलाइन
१९६२ (टोल फ्री नंबर)
काऊ/गाय एक्सप्रेस क्या है?
- मध्य प्रदेश राज्य में जानवरों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल पशु एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करने के लिए एक योजना है।
- गाय एक्सप्रेस पहियों पर होगा और बीमार गायों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए एम्बुलेंस में एक पशुचिकित्सक, परिचर और प्राथमिक दवाएं होंगी।
- गाय एक्सप्रेस को कॉल करने के लिए एक टोल-फ्री नंबर १९६२ का उपयोग किया जा सकता है।
उद्देश्य:
- राज्य में जानवरों को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी।
- जानवरों की रक्षा और किसानों को सहायता के लिए यह योजना शुरू की है।
- किसान की आय की रक्षा की जाएगी।
गाय एक्सप्रेस और १९६२ हेल्पलाइन सेवाएं:
- १९६२ टोल फ्री नंबर पर कॉल करके मध्यप्रदेश राज्य में पशुओं के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बुलाया जा सकता है।
- पशु एम्बुलेंस में पशुचिकित्सक और परिचरों साथ में आएंगे।
- पशुचिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं या बीमार जानवरों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करेंगे।
गाय एक्सप्रेस और १९६२ गाय हेल्पलाइन की विशेषताएं और कार्यान्वयन:
- १५ अक्टूबर को इस योजना को शुरू किया गया है।
- मध्यप्रदेश राज्य के ११ जिलों में इस योजना के प्रोजेक्ट शुरू किया जाएंगे।
- बाद में इस योजना को पुरे मध्यप्रदेश राज्य में शुरू किया जाएगा।
- कामधेनु गौ अभयर्य्या प्रोजेक्ट राज्य के बोवाइन कल्याण कार्यक्रम का हिस्सा है।
- बीमारी या दुर्घटना के कारण गायों और मवेशियों की रक्षा करना इस योजना का लक्ष्य है।
- राज्य सरकार के लिए पति पशु मृत्यु एक चिंता का कारण रहा है।