किसानों के लिए नई कल्याण योजना, झारखंड: किसानों को उनकी आय बढ़ाने और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान करना।
१५ अगस्त, २०२१ को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर को चिह्नित करते हुए किसानों के लिए नई कल्याणकारी योजना – समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना सह कृषक पाठशाला की घोषणा की। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपकरण, तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करती है। आधुनिक उपकरण और प्रौद्योगिकियां खेतों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेंगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस योजना के तहत किसानों को नई कृषि तकनीकों, नए कृषि विषयों आदि के बारे में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना राज्य भर के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करती है। राज्य प्रायोजित इस योजना का अनुमानित बजट ५० करोड़ रुपए है।
योजना अवलोकन:
योजना | किसानों के लिए नई कल्याण योजना |
योजना के तहत | झारखंड सरकार |
द्वारा घोषित | मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन |
घोषणा की तिथि | १५ अगस्त, २०२१ |
लाभार्थी | राज्य भर के किसान |
लाभ | किसानों को आवश्यक उपकरण, प्रौद्योगिकियां और प्रशिक्षण |
उद्देश्य | किसानों को उनकी आय बढ़ाने और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान करना। |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना है जिससे किसानों का कल्याण सुनिश्चित हो सके।
- इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए आधुनिक उपकरण और तकनीक प्रदान की जाएगी।
- किसानों को खेती के नए तरीकों, नए विषयों, कौशल आदि को अपनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- यह किसानों को आधुनिक युग की खेती के लिए तैयार करता है।
- इसका उद्देश्य राज्य में किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- इस योजना के तहत राज्य भर के १८-६० वर्ष के सभी किसान शामिल होंगे।
- यह योजना किसानों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
प्रमुख बिंदु:
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने १५ अगस्त २०२१ को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में किसानों के लिए नई कल्याण योजना की घोषणा की।
- यह नई योजना मुख्य रूप से राज्य में किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए घोषित की गई है।
- इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे और किसानों को खेती के लिए तकनीक मुहैया कराई जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा बागवानी, मछली पालन, पशुपालन आदि में सहायता प्रदान की जाएगी।
- किसानों को खेती के नए तरीकों, नए विषयों, कौशल आदि को अपनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- प्रशिक्षण के लिए अलग से कक्षाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- विशेषज्ञ एक ही स्थान पर किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण देंगे।
- किसानों को नई चीजों के बारे में पता चलेगा और सीखने के लिए आवश्यक एक्सपोजर मिलेगा।
- जरूरत पड़ने पर किसानों को कर्ज भी मुहैया कराया जाएगा।
- वर्तमान में प्रत्येक जिले में एक फार्म का चयन कर लाभ वितरण किया जाएगा।
- चुनिंदा फार्मों में सफल क्रियान्वयन पर यह योजना पूरे राज्य में उपलब्ध करा दी जाएगी।
- कृषि, पशुपालन और डेयरी विकास विभाग कार्यान्वयन के लिए योजना के विवरण को अंतिम रूप देगा।
- इस वर्ष के लिए योजना का अनुमानित बजट ५० करोड़ रुपये है।