प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा): किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने की योजना
भारत सरकार के कैबिनेट ने किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री अन्नदता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान किया जाएगा। इस योजना से किसानों को उत्पादन लागत पर न्यूनतम ५०% लाभ प्रदान करने की उम्मीद है। देश के किसानों की उत्पादन लागत पर ५०% लाभ प्रदान करना सरकार का वादा था और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने सामान्य बजट २०१८-१९ के दौरान इसकी घोषणा की है।
Pradhan Mantri Annadata Aay SanraksHan Abhiyan / PM-AASHA (In English)
प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)योजना क्या है? किसानो को उनकी लगत से ५० प्रतिशत से अधिक मुनाफा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की एक योजना।
प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) तीन योजनाओं / घटकों का संयोजन है:
- मूल्य सहायता योजना (पीएसएस) / Price Support Scheme (PSS)
- मूल्य की कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस) / Price Deficiency Payment Scheme (PDPS)
- निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना (पीपीपीएस) / Private Procurement & Stockist Scheme (PPPS)
प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) का उद्देश्य:
- इस योजना के माध्यम से भारत देश के किसानों को स्थिर आय प्रदान करना
- देश के किसानों को अपनी फसलों के लिए एमएसपी प्रदान करना
- देश के किसानों का जीवन स्तर में सुधार करना
- भारत देश के किसानों में आत्महत्या का दर कम करना
प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के लाभ:
- इस योजना के तहत देश के किसानों की आय में बढ़ोतरी की जाएगी
- प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत तेल के बीज और दालों को सरकार ही खरीदेगी।
- प्राइस डेफिसिएन्सी पेमेंट स्कीम के तहत यदि किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य से काम दाम में फसल बेचनी पड़ी तो सरकार नुकसान भरपाई करेगी।
- प्राइवेट प्रोक्रोमेन्ट और स्टॉकिस्ट स्कीम के तहत निजी कंपनियों को फसलों की खरीदी को अनुमति दी जाएगी।
प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) / मूल्य सहायता योजना:
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार नोडल एजेंचीयो से दाल, तेल और खोबरा की खरीदी करेगा।
- भारत देश का नाफेड और खाद्य निगम (एफसीआई) के साथ राज्यों और जिलों में फसलों की खरीदी की जाएगी।
- खरीदीकी और नुकसान की लागत भारत सरकार द्वारा दी जाएगी।
प्राइस डेफिसिएन्सी पेमेंट स्कीम (पीडीपीएस) / मूल्य की कमी भुगतान योजना:
- मध्यप्रदेश सरकार की लोकप्रिय योजना भवान्तर भुगतान योजना (बीबीवाई) के आधार पर यह योजना प्रदान की है।
- फसल की वास्तविक बिक्री मूल्य एमएसपी के नीचे गिरती है तो फसल की एमएसपी और वास्तविक बिक्री मूल्य के बीच का अंतर सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।
- अंतराल राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी।
- ऐसे सभी तेल के बीज जिनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किये गए है वह सब ही इस योजना में आते है।
प्राइवेट प्प्रोक्योरमेंट एवं स्टॉकिस्ट स्कीम (पीपीपीएस) / निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना:
- फसलों की कीमते गिरने पर निजी व्यापारियोको फसलो को खरीदनेकी अनुमती दि जायेगी।
- यह पायलट योजना होगी और योजना की सफलता के आधार पर इसे पूरी तरह से लागु जाएगा।
- यह योजना केवल तेल के बीज पर लागू है और इसे केवल चयनित जिलों या कृषि उत्पादन बाजार समितियों (एपीएमसी) में शुरू किया जा सकता है।
- इस योजना को राज्य सरकारे कार्यान्वित करेगी।
- निजी कंपनीयों को योजना के तहत एमएसपी दामों पर ही फसलों की खरीदने की अनुमति दि जायेगी।
प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) विशेषताएं और कार्यान्वयन:
- इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा की किसानों को फसलों की उत्पादन लागत पर ५०% अधिक आय प्राप्त हो सके।
- योजना के कार्यान्वयन के लिए १५,०५३ करोड़ आवंटित किए जाएगे।
- यह तीन योजनाओं का संयोजन है: प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस), प्राइस डेफिसिएन्सी पेमेंट स्कीम (पीडीपीएस), प्राइवेट प्प्रोक्योरमेंट एवं स्टॉकिस्ट स्कीम (पीपीपीएस)
- केंद्र सरकार विनाशकारी फलो के लिए Market Intervention Scheme सुरु कर रही है, जिसके तहत उनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किये जायेंगे।
- पि एम-आशा योजना के तहत २३ खारिप और रब्बी फसलों को कवर किया जाएगा और एमएसपी के तहत अधिसूचित किया जाएगा।
- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) वर्तमान में गेहूं और चावल की खरीदी करेगा और इसे राशन की दुकानों और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
- विभाग की मौजूदा योजनाएं खाद्य और सार्वजनिक वितरण के लिए धान, गेहूं और पोषक अनाज / मोटे अनाज के लिए एमएसपी प्रदान करते है।
- वस्त्र विभाग कपास और जूट के लिए एमएसपी प्रदान करेगा।
- योजना का प्राथमिक उद्देश्य भारत भर के किसानों को उत्पादन लागत पर १.५ गुना रिटर्न प्रदान करना है।
- यूनियन मंत्रि राधा मोहन सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, और पियुष गोयल ने योजना की घोषणा की है।
- इस योजना को अगले २ वर्षों में लागू किया जाएगा और इस वर्ष ६,२५० करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- इस योजना पर कुल ४५,५५० करोड़ रुपये खर्च किये जाएगे।