मानव निर्मित फाइबर खंड और तकनीकी वस्त्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कपड़ा क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना जिससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा हों।
८ सितंबर, २०२१ को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मानव निर्मित फाइबर खंड और तकनीकी वस्त्रों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंजूरी के बाद मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। जिससे रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। इसका उद्देश्य भारतीय कपड़ा क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसका उद्देश्य देश में उच्च मूल्य के एमएमएफ कपड़े, वस्त्र और तकनीकी वस्त्रों के निर्माण को बढ़ावा देना है। योजना के लिए स्वीकृत कुल परिव्यय १०,६८३ करोड़ रुपये है। यह आत्मानिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह उसी दृष्टि को सशक्त बनाता है।
योजना अवलोकन:
योजना का नाम | मानव निर्मित फाइबर खंड और तकनीकी वस्त्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना |
योजना के तहत | केंद्र सरकार |
स्वीकृति तिथि | ८ सितंबर, २०२१ |
लाभार्थी | मानव निर्मित फाइबर और कपड़ा उद्योग में निर्माता |
प्रमुख उद्देश्य | घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कपड़ा क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना जिससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा हों। |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ाना है।
- यह योजना इस क्षेत्र में और कई अन्य संबद्ध क्षेत्रों में ७.५ लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्षम होगी।
- इस योजना के तहत उच्च मूल्य के एमएमएफ कपड़े, वस्त्र और तकनीकी वस्त्रों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- उद्योगों को विभिन्न क्षमताओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना के तहत प्रोत्साहन संरचना तैयार की जाती है।
- पांच वर्षों की अवधि में यह योजना १९,००० करोड़ रुपये से अधिक के नए निवेश और ३ लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार को आकर्षित करेगी।
- इस योजना से उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
- लंबे समय में, यह बढ़ी हुई आर्थिक वृद्धि और विकास को प्रभावित करेगा।
योजना विवरण:
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ८ सितंबर, २०२१ को मानव निर्मित फाइबर खंड और तकनीकी वस्त्रों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी।
- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने योजना का विवरण प्रदान किया।
- यह योजना केंद्रीय बजट २०२१-२२ में घोषित १३ क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं का एक हिस्सा है।
- यह योजना घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- इसका उद्देश्य भारतीय कपड़ा क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
- यह कपड़ा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करता है।
- इस योजना के तहत विभाग उच्च मूल्य के एमएमएफ कपड़े, वस्त्र और तकनीकी वस्त्रों के निर्माण को बढ़ावा देगा।
- यह मानव निर्मित रेशों के उत्पादन को बढ़ावा देने में भी योगदान देगा।
- नए निवेश के लिए प्रोत्साहन ढांचा तैयार किया जाएगा।
- यह एमएमएफ खंड को बढ़ावा देगा जिससे कपास और अन्य प्राकृतिक फाइबर आधारित वस्त्रों का समर्थन होगा।
- कपड़ा उद्योग बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार देता है और यह योजना विकास के अवसर प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने में योगदान देगी।
- अगले ५ वर्षों में सरकार द्वारा १९,००० करोड़ रुपये के नए निवेश और ३ लाख करोड़ के कारोबार की उम्मीद है।
- योजना के लिए स्वीकृत कुल परिव्यय १०,६८३ करोड़ रुपये है।
- पीएलआई योजना आत्मानिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।