सबूज साथी योजना: स्कूलों में प्रतिधारण दरों में वृद्धि करना और छात्रों को आने-जाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करना।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कक्षा ९ वीं से १२ वीं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए सबूज साथी योजना शुरू कीराज्य के सरकारी स्कूलों और मदरसों में। इस योजना के तहत छात्रों को साइकिल वितरित की जाती है ताकि वे बिना किसी आर्थिक कठिनाई के आसानी से अपने वाहन से स्कूल जा सकें। यह योजना राज्य में खराब आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों का समर्थन करती है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार का इरादा उच्च शिक्षा में छात्रों की प्रतिधारण दर को बढ़ाने का है। ९ दिसंबर, २०२१ को पश्चिम बंगाल राज्य मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत राज्य में साइकिल निर्माण इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य में साइकिल फैक्ट्री स्थापित करने से राज्य सरकार की आयात लागत में कमी आएगी और साथ ही राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
अवलोकन:
योजना | सबूज साथी योजना |
योजना के तहत | पश्चिम बंगाल सरकार |
लाभार्थि | सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और मदरसों में कक्षा ९ वीं से १२ वीं तक के छात्र-छात्राएं। |
लाभ | मुफ्त साइकिल |
उद्देश्य | स्कूलों में प्रतिधारण दरों में वृद्धि करना और छात्रों को आने-जाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | wbsaboojsathi.gov.in |
योजना के उद्देश्य और लाभ:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में प्रतिधारण दरों में वृद्धि करना है।
- यह राज्य के सरकारी स्कूलों में माध्यमिक और उच्च शिक्षा में स्कूल छोड़ने की दर से बचने का प्रयास करता है।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और मदरसों में कक्षा ९ वीं से १२ वीं तक के छात्रों को साइकिल प्रदान करती है ।
- इस योजना की मदद से आने-जाने में आर्थिक तंगी का असर छात्रों की पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा।
- योजना का उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- यह राज्य में छात्राओं को आने-जाने में भी मदद करेगा।
- इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार राज्य में आवागमन के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प को बढ़ावा देती है।
प्रमुख बिंदु:
- सबूज साथी योजना पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य में शुरू की गई एक साइकिल वितरण योजना है।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और मदरसों में कक्षा ९वीं से १२वीं में पढ़ने वाले छात्रों को साइकिल वितरित करती है।
- इन साइकिलों से छात्रों को मदद मिलेगी ताकि वे बिना किसी आर्थिक परेशानी के आसानी से अपने वाहन से स्कूल जा सकें।
- यह योजना राज्य में खराब आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों का समर्थन करती है।
- इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार का इरादा उच्च शिक्षा में छात्रों की प्रतिधारण दर को बढ़ाने का है।
- इस योजना के तहत साइकिल आने-जाने का पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।
- यह योजना राज्य में छात्रों के कल्याण को सुनिश्चित करती है।
- राज्य सरकार द्वारा छात्रों, स्कूलों, साइकिल की खेप, आदेशों आदि पर नज़र रखने के लिए आधिकारिक पोर्टल शुरू किया गया है।
- राज्य सरकार साइकिलों का आयात करती है और छात्रों को वितरित करती है।
- इसके लिए ३४० करोड़ रुपये के परिव्यय से राज्य सरकार द्वारा हर साल लगभग दस लाख साइकिलें खरीदी जाती हैं।
- २०१५ से अब तक लगभग ९१.८८ लाख छात्रों को योजना के तहत साइकिल मिली है।
- सात चरणों में एक करोड़ से अधिक छात्रों को कवर किया जा रहा है।
- ९ दिसंबर, २०२१ को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में पश्चिम बंगाल राज्य मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत राज्य में साइकिल निर्माण इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- राज्य में साइकिल फैक्ट्री स्थापित करने का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा आयात लागत को कम करना है।
इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। - राज्य में अपनी साइकिल फैक्ट्रियां स्थापित करने के इच्छुक संगठनों ने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिए हैं और तदनुसार साइकिल का उत्पादन शुरू हो जाएगा।