ट्रांसपोर्ट एवं मार्केटिंग असिस्टेंस (टीएमए) योजना
भारत सरकार ने कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ट्रांसपोर्ट एवं मार्केटिंग असिस्टेंस (टीएमए) योजना (परिवहन और विपणन सहायता योजना) शुरू की है। केंद्र सरकार कृषि उत्पादों के परिवहन और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य कृषि निर्यात को बढ़ाना देना है और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
ट्रांसपोर्ट एवं मार्केटिंग असिस्टेंस (टीएमए) योजना:
- लाभ: आंशिक परिवहन (भाड़ा) शुल्क और मार्केटिंग असिस्टेंस
- लाभार्थी: कृषि उपयोगी वस्तु निर्यातक और किसान
- अवधि: १ मार्च २०१९ से मार्च २०२० तक
पात्रता:
- यह योजना केवल कृषि निर्यात के लिए लागू है।
- केवल यूरोप और उत्तरी अमेरिका के चयनित देशों के साथ निर्यात के लिए यह योजना लागू है।
- यह समुद्र और हवाई मार्ग द्वारा निर्यात और विपणन के लिए सहायता को प्रदान करती है।
- यह योजना सामान्य और प्रशीतित माल पर लागू है।
- सामान्य बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से नि:शुल्क विदेशी मुद्रा के भुगतान प्राप्त होने पर सहायता प्रदान की जाती है।
लाभ:
- लाभार्थी को आंशिक भाड़ा शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएंगी।
- विपणन सहायता प्रदान की जाएंगी।
कार्गो की अनुचित श्रेणी और कंटेनर भार से कम (एलसीएल) इन दोनों श्रेणी के आधार पर कंटेनर को सहायता प्रदान की जाती है। हवाई कार्गो के मामले में कार्गो के शुद्ध वजन के आधार पर सहायता की गणना की जाती है।
भाड़ा शुल्क प्रतिपूर्ति राशि:
- दक्षिण अमेरिका के लिए प्रशीतित जहाज़ पर माल की लदाई पर ३१,१५० रुपये प्रति टन की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
- उत्तरी अमेरिका के लिए २८,७०० रुपये प्रति टन की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएंगी।
- ओशिनिया के लिए २४,५०० रुपये प्रति टन की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएंगी जिसमें समुद्री मार्ग के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड देश शामिल रहेंगे।
- दक्षिण अमेरिकी देशों और हवाई मार्ग के माध्यम से निर्यात के लिए ३,५०० रुपये प्रति टन की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
- उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के लिए २,८०० रुपये प्रति टन की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत यूरोपीय संघ, उपसागर क्षेत्र, आसियान राष्ट्र, रूस और सीआईएस देश जैसे अंतर्गत आने वाले अन्य क्षेत्र को कवर किया जाएंगा।