आत्मनिर्भर कृषि योजना, अरुणाचल प्रदेश: राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो और उनका कल्याण सुनिश्चित हो।
३ सितंबर, २०२१ को मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य में व्यक्तिगत किसानों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को लाभान्वित करने के लिए आत्मनिर्भर कृषि योजना की शुरुआत की। इस योजना की घोषणा पहले राज्य के बजट २०२१ में की गई थी। यह योजना दोहरी फसल, कृषि मशीनीकरण, वैज्ञानिक भूमि सीढ़ी, चाय और रबर की खेती आदि से निपटेगी। यह फ्रंट एंडेड सब्सिडी पर आधारित है। इस योजना के तहत ऋण सहायता बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाएगी। लाभार्थियों को एसबीआई, अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक और अरुणाचल प्रदेश सहकारी एपेक्स बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा। यह योजना मुख्य रूप से राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य राज्य में समग्र कृषि विकास करना है। राज्य सरकार द्वारा आवंटित कुल योजना बजट ६० करोड़ रुपये है।
योजना अवलोकन:
योजना | आत्मनिर्भर कृषि योजना |
योजना के तहत | अरुणाचल प्रदेश सरकार |
द्वारा लॉन्च किया गया | मुख्यमंत्री पेमा खांडू |
लॉन्च की तारीख | ३ सितंबर, २०२१ |
कार्यान्वयन द्वारा | कृषि विभाग |
लाभार्थी | राज्य भर में किसान, स्वयं सहायता समूह |
उद्देश्य | राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो और उनका कल्याण सुनिश्चित हो। |
उद्देश्य और लाभ:
- योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य भर के किसानों का कल्याण है।
- इस योजना के तहत किसानों को ऋण सहायता और सब्सिडी के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
- इसका उद्देश्य उन्हें साहूकारों के दुष्चक्र से मुक्त करना है।
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में कृषि विकास सुनिश्चित करना है।
- यह समग्र कृषि उत्पादकता को बढ़ाता है जिससे किसानों की आय दोगुनी हो जाती है।
- इसका उद्देश्य राज्य में किसानों के कल्याण और लाभ के लिए है।
योजना विवरण:
- मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ३ सितंबर, २०२१ को आत्मनिर्भर कृषि योजना की शुरुआत की।
- यह महत्वाकांक्षी योजना मुख्य रूप से राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
- यह मुख्यमंत्री सशक्त किसान योजना और मुख्यमंत्री सुमुख योजना का संयुक्त रूप है।
- इस योजना के तहत किसानों को ऋण सहायता और सब्सिडी के रूप में आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
- यह योजना दोहरी फसल, कृषि यंत्रीकरण, वैज्ञानिक भूमि सीढ़ी, चाय और रबर की खेती आदि से संबंधित होगी।
- योजना के घटकों में ४५% सरकारी सब्सिडी, ४५% बैंक ऋण और १०% किसान योगदान शामिल होगा।
- इस योजना के तहत ऋण सहायता बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- लाभार्थियों को एसबीआई, अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक और अरुणाचल प्रदेश सहकारी एपेक्स बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा।
- योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसान या स्वयं सहायता समूह को संबंधित जिला प्रशासन या कार्यालयों का दौरा करना होगा और विवरण प्राप्त करना होगा।
- एसएचजी द्वारा कोई भूमि दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि ईएसी/सीओ/बीडीओ से प्रमाण पत्र काम करेगा।
- व्यक्तिगत किसानों के मामले में, १.६ लाख तक के ऋण के लिए कोई संपार्श्विक सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होगी और एसएचजी के मामले में १० लाख तक के ऋण के लिए किसी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होगी।
- यह योजना मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समितियों तथा जिला स्तरीय समितियों की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों के माध्यम से क्रियान्वित की जायेगी।
- इस प्रकार यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करेगी जिससे उनका लाभ और कल्याण सुनिश्चित होगा।