Porijai Sahay Scheme, West Bengal

To ensure good health and welfare of the migrant workers in the state

पोरिजाई सहाय योजना, पश्चिम बंगाल: राज्य में प्रवासी कामगारों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना।

पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में प्रवासी कामगारों की सहायता के लिए ‘पोरिजई सहाय‘ नाम से एक नई राशन योजना लेकर आई है। राज्य श्रम विभाग ने योजना की शुरुआत की और योजना का विवरण प्रदान किया। इस योजना के तहत राज्य सरकार राज्य में प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त मासिक राशन प्रदान करेगी। लाभार्थियों को हर महीने ५ किलो अनाज मुफ्त मिलेगा। श्रम विभाग ने राज्य में लगभग २,८३३ प्रवासी श्रमिकों को अधिसूचित किया है। इस योजना के तहत सभी चिन्हित लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया जाएगा। यह योजना राज्य भर में प्रवासी मजदूरों की सहायता करती है और इस प्रकार उनका कल्याण सुनिश्चित करती है।

योजना अवलोकन:

योजना पोरिजाई सहाय
योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार
द्वारा कार्यान्वित राज्य श्रम विभाग
लाभार्थी राज्य में प्रवासी श्रमिक और उनके आश्रित
लाभ मासिक राशन जिसमें ५ किलो अनाज शामिल है
प्रमुख उद्देश्य राज्य में प्रवासी कामगारों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना।

उद्देश्य और लाभ:

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों को उनकी भूख की समस्या को दूर करने में मदद करने के लिए भोजन उपलब्ध कराना है।
  • इस योजना के तहत, राज्य सरकार प्रत्येक प्रवासी मजदूरों को ५ किलो खाद्यान्न सहित मुफ्त मासिक राशन प्रदान करेगी।
  • यह योजना महामारी के इस कठिन समय में श्रमिकों और उनके परिवारों को बुनियादी भोजन सुनिश्चित करेगी।
  • महामारी ने कई प्रवासी कामगारों को प्रभावित किया, जिसमें उन्हें आर्थिक तंगी के कारण भूख की समस्या का भी सामना करना पड़ा। इस प्रकार, यह योजना सुनिश्चित करेगी कि राज्य में कोई भी बिना भोजन के भूखा न रहे।
  • इसका उद्देश्य राज्य भर में प्रवासी श्रमिकों की समग्र स्वास्थ्य स्थितियों को बढ़ाना है।
  • यह बुनियादी भोजन के साथ श्रमिकों की मदद करेगा और इस तरह उनकी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करेगा।

प्रमुख बिंदु:

  • पश्चिम बंगाल श्रम विभाग ने राज्य में प्रवासी श्रमिकों के लिए पोरिजाई सहाय योजना की घोषणा की है।
  • इस योजना के तहत, राज्य सरकार राज्य में प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त मासिक राशन प्रदान करेगी।
  • प्रवासी श्रमिकों के आश्रित भी मुफ्त राशन के पात्र होंगे।
  • लाभार्थियों को हर महीने ५ किलो अनाज मुफ्त मिलेगा।
  • इस योजना के तहत राज्य में लगभग २,८३३ प्रवासी श्रमिकों की पहचान की गई है।
  • श्रम विभाग के प्रतिनिधि प्रवासी श्रमिक के घर जाकर कूपन देंगे।
  • कूपन का उपयोग करके श्रमिक किसी भी राशन की दुकान के माध्यम से योजना के तहत आवंटित मुफ्त राशन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
  • पहचान किए गए प्रवासी श्रमिकों का विवरण डेटाबेस में सुरक्षित रूप से दर्ज किया जाएगा।
  • यही डेटाबेस राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ भी साझा किया जाएगा।
  • राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है कि राज्य में कोई भूखा न रहे या भूख की समस्या का सामना न करे।
  • इस महामारी में प्रवासी श्रमिक आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं और इस प्रकार राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों को बुनियादी खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।
  • इसका उद्देश्य राज्य में प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है।

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